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गंगा-यमुना की बाढ़ में समा गई सैकड़ों एकड़ फसल, तराई में रहने वाले ग्रामीण सहमे

locationकौशाम्बीPublished: Sep 13, 2018 01:03:58 pm

Submitted by:

Sunil Yadav

बाढ़ चौकियों को किया गया एलर्ट, गांवों की निगरानी के लिए टीम गठित

गंगा-यमुना की बाढ़ में समा गई सैकड़ों एकड़ फसल, तराई में रहने वाले ग्रामीण सहमे

गंगा-यमुना की बाढ़ में समा गई सैकड़ों एकड़ फसल, तराई में रहने वाले ग्रामीण सहमे

कौशांबी. उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और कानपुर बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसिक पानी से गंगा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालत यह है कि कौशांबी जिले के सिराथू व चायल तहसील के कई गाँव के लोगों की साँसे थम सी गई है। यही हाल यमुना नदी का भी है। मध्य प्रदेश की कई पहाड़ी नदियों का पानी यमुना के जल में बढ़ोत्तरी कर रहा है। यमुना की तराई में रहने वाले दो दर्जन गांव के लोग भी सहमे हुये हैं। वहीं गंगा-यमुना में तेजी से बढ़ रहे जल स्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई। जिसके बाद बाढ़ के पानी में डूबी फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
गंगा-यमुना नदियों के बीच बसे कौशांबी जनपद के सिराथू व चायल तहसील इलाके में गंगा का बढ़ता जल स्तर किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सिराथू तहसील के डेढ़ दर्जन गांवों के किसानों की तकरीबन दो सौ बीघा फसल बाढ़ के पानी मे पूरी तरह से डूब गयी है। सिराथू तहसील का सुखऊ का पुरवा गाँव के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित है।

गंगा का रौद्र रूप किनारे बसे मकानों को अपनी चपेट में ले रहा है। यहाँ कई लोगों के मकान गंगा की कटान में समा गए हैं। किसानों को अपनी बची हुई फसल की देखरेख के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है। कुछ ऐसे ही हालात चायल तहसील के यमुना नदी किनारे के गाँव पिपरहटा, मल्हीपुर, नंदा का पूरा व मंझनपुर तहसील क्षेत्र के यमुना किनारे के गाँव दलेलागंज, जमुनापुर, घोघ का पूरा गांव का है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक गंगा और यमुना का बढ़ रहा जल स्तर न रुका तो आधा दर्जन से अधिक गांव में पानी घुस जाएगा। इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी अरहर, बाजरा, तिलहन की फसले नदियों की बाढ़ के चपेट में आने से बर्बाद हो गई है।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा मुताबिक बाढ़ से नुकसान न हो इसके मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। किसी तरह की जनहानी न हो इसके लिए बराबर नजर राखी जा रही है। बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने नाव की व्यवस्था, राहत कैंप, जनरेटर, जरूरी दवाओं के साथ डॉक्टर की तैनाती के साथ तराई के गांवों की निगरानी के लिए गठित टीमें लगाई हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक गंगा का जलस्तर स्थिर बना हुआ था। लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
By- शिवनंदन साहू

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