गंगा-यमुना नदियों के बीच बसे कौशांबी जनपद के सिराथू व चायल तहसील इलाके में गंगा का बढ़ता जल स्तर किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सिराथू तहसील के डेढ़ दर्जन गांवों के किसानों की तकरीबन दो सौ बीघा फसल बाढ़ के पानी मे पूरी तरह से डूब गयी है। सिराथू तहसील का सुखऊ का पुरवा गाँव के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित है।
गंगा का रौद्र रूप किनारे बसे मकानों को अपनी चपेट में ले रहा है। यहाँ कई लोगों के मकान गंगा की कटान में समा गए हैं। किसानों को अपनी बची हुई फसल की देखरेख के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है। कुछ ऐसे ही हालात चायल तहसील के यमुना नदी किनारे के गाँव पिपरहटा, मल्हीपुर, नंदा का पूरा व मंझनपुर तहसील क्षेत्र के यमुना किनारे के गाँव दलेलागंज, जमुनापुर, घोघ का पूरा गांव का है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक गंगा और यमुना का बढ़ रहा जल स्तर न रुका तो आधा दर्जन से अधिक गांव में पानी घुस जाएगा। इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी अरहर, बाजरा, तिलहन की फसले नदियों की बाढ़ के चपेट में आने से बर्बाद हो गई है।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा मुताबिक बाढ़ से नुकसान न हो इसके मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। किसी तरह की जनहानी न हो इसके लिए बराबर नजर राखी जा रही है। बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने नाव की व्यवस्था, राहत कैंप, जनरेटर, जरूरी दवाओं के साथ डॉक्टर की तैनाती के साथ तराई के गांवों की निगरानी के लिए गठित टीमें लगाई हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक गंगा का जलस्तर स्थिर बना हुआ था। लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
By- शिवनंदन साहू