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UP में अवैध खनन: योगी सरकार में कितना कसा खनन माफिया पर शिकंजा?

locationकौशाम्बीPublished: Jan 09, 2019 01:10:54 pm

सूबे में निजाम बदला लेकिन मोरंग खनन पहले जैसा, पनचक्की व पोकलेन से यमुना का सीना चीरकर निकाल रहे बालू।

Illegle Mining

अवैध खनन

शिवनंदन साहू

कौशांबी. यमुना की तराई से निकालने वाले कीमती मोरंग पर सियासत गर्म है। शिकंजा कसने के बावजूद मोरंग के अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। सूबे में निजाम बदले डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका लेकिन मोरंग खनन का तरीका नहीं बदला। एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर मशीनों व पनचक्की से बालू का अवैध खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का काम बदस्तूर जारी है। यमुना घाटों पर फिर से अप्रत्यक्ष रूप से सिंडिकेट का कब्जा हो चुका है, क्योंकि का स्थानीय पट्टे भी कथित सिंडिकेट के लोगों के नाम पर जारी हो गए हैं। मोरंग की ओवरलोडिंग पहले की तरह बदस्तूर जारी है और अधिकारी महज कागजी खानापूर्ति में लगे हुए हैं।
सपा शासनकाल मे हुये यमुना घाटों के कई पत्तों व अवैध मोरंग खनन की जांच सीबीआई कर रही है। चर्चित आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला सहित कई बालू कारोबारियों के यहां छापेमारी की कार्यवाही भी की गई। डेढ़ साल पहले सूबे का निजाम बादला और सपा की जगह भाजपा की सरकार बनी। मोरंग बालू खनन नीति को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए। ई-टेंडरींग के बाद कहा गया कि कथित सिंडीकेट का यमुना के मोरंग बालू घाटों से दाखल खत्म कर दिया गया है। पर जमीनी हकीकत दावों से उलट है। मोरंग का अवैध खनन बदस्तूर जारी है और कथित सिंडिकेट के लोगों का दबदबा कायम है।
जिले में मौजूदा समय आठ घाटों से पट्टाधारक मोरंग का खनन करावा रहे हैं। दावा किया जाता है कि इनमें से कई घाट ऐसे है जो कथित सिंडीकेट के लोगों द्वारा संचालित हैं। इतना ही नहीं जिले के सभी आठ बालू घाटों पर सपा शासनकाल की तरह आज भी पनचक्की व भरी भरकम पोकलैंड मशीनों को लगाकर अवैध तरीके से खनन कराया जा रहा है। अधिकारी की नजर के सामने मशीने मजदूरों के हक पर डाका डाल रही है और इसक बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जिम्मेदारों की खामोशी का पूरा फायदा खनन माफिया उठा रहे हैं। पहले की सरकार के समय जैसे ओवरलोड बालू वाहन बेरोकटोक चलते थे वह आज भी उसी तरह फर्राटा भर रहे हैं। यमुना घाटों से तीन सौ घन फुट की जगह एक हजार घन फुट बालू प्रति ट्रक लादा जा रहा है। खेल यह कि रवन्ना (बालू परिवहन की रसीद) नियमानुसार दी जा रही हैं। कार्रवाई के नाम पर कागजी कोराम पूरा करने के लिए कभी कभार ओवरलोड मोरंग बालू वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर दी जाती है। हैरत की बात तो यह कि जिम्मेदारों की नाक के नीचे अवैध मोरंग का खनन बदस्तूर जारी है फिर भी जिले के आधिकारियों का दावा है कि सभी घाटों पर नियमानुसार खनन किया जा रहा है।
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