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Ground Report : कांसे व पीतल के बर्तनों के लिये मशहूर कौशांबी झेल रहा बदहाली की मार, पानी की किल्लत सबसे बड़ी समस्या

locationकौशाम्बीPublished: Apr 24, 2019 04:51:23 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

रख रखाव के अभाव में धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल जर्जर, रोजगार के लिये पलायन को मजबूर युवा

Kaushambi Constituency

कौशांबी लोकसभा सीट

शिव नंदन साहू

कौशांबी. कभी कांसे व पीतल के बर्तनों के लिये मशहूर कौशांबी आज बदहाली की मार झेल रहा है । गंगा- यमुना के बीच बसे यूपी के इस जिले में पानी की किल्लत सबसे बड़ी समस्या है । उद्योग-धंधे की कमी के कारण युवाओं का पलायन लगातार जारी है। यहां के युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन करने को विवश है ।

कौशांबी जिले की तीन विधानसभा व प्रतापगढ़ की दो विधान सभा वाले इस संसदीय क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी को लेकर है । कौशांबी जिले के आठ मे से छह ब्लॉक डार्क जोन घोषित हो चुके हैं । कौशांबी की सिराथु, मंझनपुर व चायल विधानसभा में नहरों का जाल तो बिछा है, लेकिन अधिकांश नहरों मे पानी की जगह धूल का गुबार ही दिखाई देता हैं ।
Water crsisis in Kaushambi
 

पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले कौशांबी मे सरकारी व राजनीतिक नीतियों की उठापटक मे सब कुछ धूमिल हो चला है । शांति के मार्ग पर चलाने का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध कौशांबी में ही चतुर्मासा करते थे, कौशांबी का वह स्थान जहां महात्मा बुद्ध चतुर्मासा करते थे, आज खंडहर में तब्दील हो चुका है। महज एक चौकीदार के भरोसे इस ऐतिहासिक विरासत को संवारने की कोशिश है । कौशांबी के बौद्ध स्थल, अशोक स्तम्भ से लेकर उदय के किला तक मुख्यमंत्री से लेकर तमाम राजनैतिक हस्तियों ने भ्रमण किया, सबने इस ऐतिहासिक विरासत को संवारने का भरोसा दिया, लेकिन वह भरोसा कागजों तक ही सीमित रहा। साल भर मे यहां हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं लेकिन रुकने का एक भी स्थान न होने से कुछ ही घंटों में भ्रमण कर उल्टे पांव वापस लौट जाते हैं । हैरानी की बात तो यह है कि इस ऐतिहासिक स्थल पर पर्यटकों के बैठने के लिए एक भी स्थान नहीं बनाया गया है।
पर्यटन की अपर संभावनाओं वाले इसी कौशांबी में यमुना किनारे जैन धर्म के छठे भगवान पदम प्रभु का जन्म व कर्म स्थान है। यमुना किनारे प्रभासगिरी पर्वत की गोद मे दिगंबर जैन धर्म का यह अहम तीर्थ स्थल भी प्रशासनिक व राजनीतिक उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है । प्रभासगिरी पर्वत पर माफियाओं की नजर लग गई है, अवैध खनन के चलते प्रभासगिरी पर्वत का आकार लगातार छोटा होता जा रहा है, जैन धर्म के अनुयायी यहां आते हैं तो उन्हे लेकिन ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था न होने से कुछ ही घंटों में वापस लौट जाते हैं । गंगा किनारे शक्तिपीठ शीतला माता का मंदिर है, कहा जाता है इस स्थान पर आदि शक्ति का दाहिना कर गिरा था। यहां पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है ,लेकिन सरकार इसकी देख रेख में महज कागजी कोरम पूरा करती है। कड़ा मे गंगा किनारे जयचंद का खंडहरनुमा किला है, किले की देखरेख न होने से यह ऐतिहासिक धरोहर भी धीरे धीरे गंगा की गोद मे समाहित होता जा रहा है। कड़ा में ही सूफी संत मलुकदास का जन्म व कर्म स्थान है, जिस महान संत मलूक दास ने लोगों को आपसी भाई चारा का संदेश दिया आज उनका जन्म स्थान प्रशासनिक व राजनैतिक लोग भूल गए हैं। इसी कड़ा में हिन्दू-मुस्लिम का संदेश देने वाले ख्वाजा कडक शाह की मजार है। चुनाव के समय नेता माता शीतला के दर्शन व ख्वाजा कडक शाह बाबा की मजार में चादर चढ़ा कर उनसे जीत की दुआ जरूर मांगते हैं, लेकिन जीत के बाद उन्हे भूल जाते हैं|
Buddha sthal
 

शमसाबाद का दशकों पुराना पीतल उद्योग आज दम तोड़ रहा है। कभी मिनी मुरादाबाद के नाम से मशहूर शमसाबाद में आज गिने चुने लोग ही बर्तन बनाने के कारोबार से जुड़े हैं । शमसाबाद में बने कांसे व पीतल के बर्तनों की मांग कई राज्यों तक होती थी, देश की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने शमसाबाद में बर्तन बनाने के लिए सहकारी समिति का उद्घाटन किया था लेकिन समय के साथ वह भी कारोबार बंद होता चला गया। इसी शमसाबाद को भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने सांसद आदर्श गांव योजना के तहत गोद लिया था, चार साल बीत जाने के बाद भी आज यहां पानी की टंकी को छोड़ कोई भी दूसरा काम पूरा नहीं कराया जा सका। सांसद विनोद सोनकर के दूसरे गोद लिए गांव हिसमबाद व बाबागंज में आज तक विकास की रोशनी नहीं पहुंची। इस दोनों गांवों मे विकास के लिए कागजों पर डीपीआर जरूर तैयार कराया गया है ।
Brass industry
 

लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर मैदान मे उतरे नेता तमाम बड़े बड़े दावों के साथ जनता के बीच पहुंचने लगे हैं, लेकिन कौशांबी की मूलभूत समस्या नहरों मे पानी, रोजगार, उद्योग धंधे व यातायात के सुगम साधन जैसे चीजों पर कोई भी बात नहीं कर रहा है । उम्मीदवार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा कर जनता के मुद्दों से दूर भागते दिखाई दे रहे हैं । भाजपा उम्मीदवार विनोद सोनकर शीर्ष नेतृत्व के दम पर चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश मे है तो सपा-बसपा उम्मीदवार इन्द्रजीत सरोज अपने विधायक के कार्यकाल में किए गए कामों की दुहाई दे रहे हैं । नव गठित जनसत्ता दल के उम्मीदवार शैलेंद्र जनता के बीच में जाकर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया के नाम पर वोट मानते दिखाई दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश पासी को पिछले तीन चुनावों की तरह इस बार भी जनता ने हाशिए पर रखा हुआ है |
Kaushambi Constituency
 

कौशांबी संसदीय सीट

कुल वोटर- 1764884

कुल पुरुष मतदाता- 959193

महिला मतदाता- 815565

प्रमुख राजनीतिक दल के उम्मीदवार-

विनोद सोनकर- भाजपा

इंद्रजीत सरोज- सपा

गिरीश पासी- कांग्रेस
शैलेंद्र कुमार- जनसत्ता दल

जातिगत आंकड़े की बात करें तो सामान्य जाति – 43.8% पिछड़ी जाति – 28.7% अनु/जन जाति- 27.5% आबादी है।

यह है जातीय समीकरण:

ब्राह्मण265102
क्षत्रिय180269
वैश्य49486
कायस्थ17673
मुस्लिम42416
कुर्मी173200
यादव197942
मल्लाह21208
पासी212081
दलित169665
 

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