2009 में बसपा ने दिया था टिकट, कांग्रेस को बसपा से झटके प्रत्याशी के दम पर बड़े उलटफेर की उम्मीद।
सपा-बसपा गठबंधन के लिये हो सकती है मुश्किल, इस बार बसपा के साथ गठबंधन में सपा को मिली है सीट।
प्रियंका गांधी गिरीश चन्द्र पासी
कौशाम्बी . समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस को इसमें शामिल करने से इनकार क्या किया, कांग्रेस आक्रामक हो गयी है। प्रियंका गांधी के आने के बाद कांग्रेस लगातार बीजेपी के साथ ही गठबंधन को भी बड़ी चोट देने की कोशिश कर रही है। वह एक के बाद एक ऐसे प्रत्याशी उतार रही है जिससे गठबंधन की मुश्किलों में इजाफा हो रहा है। कौशाम्बी सीट पर भी कांग्रेस ने यही किया है। यहां से उसने पूर्व बसपा नेता गिरीश चन्द्र पासी को टिकट दे दिया है, जो पहले तो गठबंधन होने से खुश थे, लेकिन कौशाम्बी सीट सपा के खाते में जाने के बाद नाराज हो गए। कांग्रेस ने वक्त गंवाए बिना उन्हें पार्टी में शामिल करा लिया और उन्हीं पर दांव लगा दिया। यहां पासी वोटों की अच्छी खासी तादाद है और गिरीश चन्द्र भी पासी समाज से ही आते हैं। कांग्रेस को उम्मीद है की वह यहां गिरीश के दम पर बड़ा उलटफेर कर सकती है।
गिरीश चन्द्र पासी 2009 में बसपा के टिकट पर कौशाम्बी से लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव IMAGE CREDIT: कौन हैं गिरीश चन्द्र पासी कौशाम्बी जिले की राजनीति में गिरीश चन्द्र पासी कोई छोटा नाम नहीं। बहुजन समाज पार्टी के इस बड़े नेता ने अपनी राजनीति की शुरुआत ब्लॉक प्रमुख के चुनाव से की थी। इनके खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे भी दर्ज हैं। दो बार वह ब्लॉक प्रमुख के पद पर रहे। इसके बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ बनानी शुरू की और 2009 में बसपा ने कौशाम्बी से लोकसभा का टिकट दे दिया। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सपा के शैलेन्द्र कुमार 2, 46, 501 वोट पाकर जीते जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा से गिरीश चन्द्र पासी को 1, 90, 712 वोट मिले। 2014 में मायावती ने गिरीश को दरकिनार कर सुरेश पासी को टिकट दे दिया, जो तीसरे नंबर पर रहे। 2014 में बीजेपी के विनोद सोनकर 3, 31, 724 वोट पाकर जीते जबकि समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही।
कांग्रेस ने अपनी सातवीं लोकसभा कैंडिडेट लिस्ट में बनायाहै गिरीश चन्द्र पासी को कैंडिडेट IMAGE CREDIT: बिगड़ सकता है गठबंधन का गणित कांग्रेस को लगता है कि गिरीश चन्द्र पासी को मैदान में उतारकर वह गठबंधन का गणित बिगाड़ सकती है। 2014 में बीजेपी को 3, 31, 724 वोट मिले थे। समाजवादी पार्टी को 2, 88, 824 और बसपा को 1, 90, 712 मत मिले थे। सपा बसपा को मिला दें तो उनके वोट मिलकर 4, 90, 146 हो रहा है, जो कि बीजेपी से अधिक हैं। गठबंधन इसी आंकड़े पर जीत का दावा कर रहा है। पर कांग्रेस ने गिरीश चन्द्र पासी को मैदान में उतारकर वहां बड़े उलटफेर की गुंजाइश पैदा कर दी है। अकेले कौशाम्बी लोकसभा सीट में प्रतापगढ़ की दो विधानसभाएं कुंडा और बाबागंज पड़ती है। इसके अलावा कौशाम्बी की चायल, मंझनपुर और सिराथू आती हैं। अकेले इन तीन विधानसभाओं के कुल वोट 11, 08, 528 हैं जिसमें से अकेले पासी वोट तकरीबन तीन लाख हैं। कांग्रेस की नजर इन्हीं वोटों पर है। उसे लगता है कि बड़ा बेसवोट दिखाकर वह मुस्लिम वोटों को भी अपने पाले में कर सकती है जो उसकी जीत का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।