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कौशाम्बी

जिला जेल में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक है बंदी, सुरक्षा के नही हैं पर्याप्त इंतजाम

जिला जेल में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक है बंदी कुख्यात कैदियों की भी रखा गया है इस जेल में

कौशाम्बीAug 14, 2019 / 02:09 pm

sarveshwari Mishra

kaushambi jila jail

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कौशाम्बी. तकरीबन छह साल पहले शुरू हुए जिला जेल में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक बंदियों को रखा गया है। जिला जेल में 420 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है। जबकि मौजूद समय मे 700 बंदियों को यहाँ रखा गया है। जिला जेल में बंदियों के लिये 16 बैरक का इंतजाम किया गया है जिसमें से एक बैरक महिलाओं के लिये आरक्षित है। बैरक में रहने वाले बंदियों को सुरक्षा के मानक के अनुसार कर्मियों के तैनाती भी नहीं है। ऐसे में जिला जेल की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कौशाम्बी जनपद का सृजन 1997 में हुआ इसके बाद यहां जिला जेल बनाने की पहल 2005 में शुरू हुई।

2013 में जिला जेल में बंदियों को रखा जाना शुरू किया। कौशाम्बी जिला जेल संचालित किए जाने के बाद प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल से कौशांबी के बंदियों को यहां स्थानांतरित कर दिया गया। जिला जेल संचालित होते ही बंदियों से भर गई। हालात यह हो गया कि बंदियों को क्षमता से अधिक रखना पड़ा। जिला जेल में 16 बैरक बनाई गई है जिनमे से एक महिला व एक बैरक नाबालिक बंदियों के लिये आरक्षित है। इन बैरकों में 420 बंदियों के रहने की व्यस्था है। जबकि मौजूदा समय मे 700 बंदी जिला जेल में बंद हैं। यहीं पर तमाम कुख्यात अपराधी भी बंद हैं। जिला कारागार में नोएडा के चर्चित अपराधी अनिल भाटी सहित प्रतापगढ़, प्रयागराज, महराजगंज, गाजीपुर, देवरिया के भी कई शातिर अपराधी यहाँ बंद हैं। जिला जेल में तमाम कुख्यात अपराधी बंद हैं। बावजूद इसके सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बहुत कम है। जिला जेल में सुरक्षा के लिये बंदी पुरुष रक्षकों की संख्या 110 स्वीकृत है जिसके सापेक्ष महज 37 बंदी रक्षक तैनात है। 5 महिला बंदी रक्षिकों की अपेक्षा शिर्फ़ एक महिला रक्षक जेल में तैनात है। 16 हेड वार्डन की जगह सिर्फ 9 की तैनाती है। 5 डिप्टी जेलर का पद स्वीकृत गया लेकिन सिर्फ 3 डिप्टी जेलर की तैनाती है।हैरत की बात यह है कि यहाँ जेल अधीक्षक का पद भी रिक्त चल रहा है। प्रभारी जेल अधीक्षक जिला जेल की देख-रेख कर रहे हैं। जिला जेल की सुरक्षा के लिये 6 टॉवर बनाएं गए है जिस पर जेल पुलिस की तैनाती का मानक है लेकिन यहाँ होम गार्ड तैनात किए जाते हैं। जिला जेल में मानक के अनुसार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती न होने से यहां की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। क्षमता से अधिक बंदियों व मानक से कम सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बाबत प्रभारी जरल अधीक्षक बी0एस0 मुकुंद ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है। बावजूद इसकर जिला जेल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नही लर रही हैं।

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