सतर्कता अधिष्ठान की जांच रिपोर्ट के बाद कपिल मुनि के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गुरुवार को रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। बतादें कि नैनी जेल में सजा काट रहे पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत कौशांबी जिला पंचायत से की थी। जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के दौरान 2005 में उनके कार्यकाल में नियुक्तियां हुईं। कपिल उस वक्त चयन समिति के अध्यक्ष भी थे।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज को जांच सौंपी गई। जांच के दौरान पता चला कि न सिर्फ कपिल मुनि के कार्यकाल में बल्कि 2009 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं मधुपति के कार्यकाल में भी भर्तियों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ।
मामले में 31 अक्तूबर को एसपी कौशाम्बी को एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा। पत्र में धारा का भी उल्लेख किया गया है। जिसमें पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने को कहा गया है। गुरुवार को सदर कोतवाल उदयवीर सिंह ने सभी कपिल मुनि और मधुपति समेत सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।