प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी में बेटियां सुरक्षित नही है। कानून व्यवस्था का तो आलम कुछ ऐसा है कि हैवानियत की शिकार पीड़िता जब पुलिस से इंसाफ की उम्मीदें लेकर थाने जाती है तो आरोपियो पर कार्यवाई करने के बजाए पुलिस पंचायत बुलाकर वहां पीड़िता की अस्मत की कीमत लगाती है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला जिले के मंझनपुर कोतवाली इलाके से सामने आया है। आरोप है कि दो युवकों ने नाबालिग युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देते समय उसका वीडियो क्लिप बना लिया और फिर अपनी नाजायज अपेक्षाएं पूरी करने के लिए पीड़िता को ब्लैकमेल करने लगे। दरिंदगी की शिकार पीड़िता हैवानों के चंगुल में कुछ इस कदर फंसी की वीडियो वायरल करने की धमकी के बाद वह अपने ही घर मे करीब दो लाख के जेवरात की चोरी कर हैवानों को दे दिया।
जब इस बात की भनक पीड़िता के परिजनों को लगी तो वह मामले की शिकायत लेकर शमसाबाद पुलिस चौकी पहुंचे। आरोप है कि शिकायत मिलने के बाद चौकी इंचार्ज भवानी सिंह ने आरोपियों को बुलाकर दो दिनों तक पुलिस चौकी में महापंचायत किया। पीड़िता का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने आरोपियों से 5 लाख रुपये से अधिक रकम लेने के बाद पीड़िता के परिवार वालो को जेवरात के एवज में महज 1 लाख 75 हजार रुपये देकर जबरिया स्टाम्प पेपर पर सुलह-समझौता करवा लिया। जिसके बाद पीड़िता शनिवार को अपने परिजनों के साथ मामले की शिकायत लेकर कौशाम्बी पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंची, और एसपी से पूरी बात बताते हुए इंसाफ की गुहार लगाई। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी प्रदीप गुप्ता ने पूरे मामले की जांच सर्किल अफसर सदर को सौपते हुए वैधानिक कार्यवाई के निर्देश दिए है।