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राजा भैया की पार्टी बनने से पहले ही इस VVIP सीट पर तय हो गयी जीत, बीजेपी की साख का सवाल

locationकौशाम्बीPublished: Oct 17, 2018 02:37:16 pm

कुंडा और बाबागंज के बाद सबसे ज्यादा असर राजा भइया की इस लोकसभा सीट पर ही माना जाता है।

Raja Bhaiya and Narendra Modi

राजा भैैया और नरेन्द्र मेदी

कौशांबी. सत्ता हो या विपक्ष यूपी की राजनीति में राजा भइया की अहमियत कभी कम नहीं हुई। सियासत में कदम रखने के साथ ही राजा भइया यूपी की राजनीति में खास हो गए। यूपी के बाद अब वह दिल्ली की राजनीति में छाने को तैयार हैं। कुंडा से लगातार छह बार सि विधायक जीतते आ रहे पूर्व मंत्री राजा भइया अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। इस खबर मात्र से सपा, भाजपा, बसपा और कांग्रेस समेत पार्टियों के होश उड़े हैं। राजा भइया केन्द्र सरकार के एससी एसटी एक्ट के बाद सवर्णों केा गोलबंद करने में जुट गए हैं और यही दूसरे राजनीतिक दलों की परेशानी का सबब है। उनकी पार्टी बनने से कई सीटों पर समीकरण बिगड़ेंगे। एक वीवीआईपी सीट तो ऐसी भी है जहां माना जा रहा है कि अगर राजा भइया ने अपनी पार्टी से प्रत्याशी लड़वाया तो यहां जीत पक्की है। यह सीट भारतीय जनता पार्टी की साख वाली सीट है।
कुंडा और बाबागंंज के बाद कौशाम्बी में है राजा का प्रभाव

नई पार्टी के लिए राजा भैया की ओर से चुनाव आयोग मे अपने प्रपत्र जमा कराए जा चुके हैं। पार्टी बनाए जाने की पहल से प्रतापगढ़ ही नहीं कौशांबी सहित आस पास के कई जिलों मे राजनैतिक हलचल तेज हो गई है। राजा भैया की पार्टी का सबसे अधिक असर कौशांबी जिले की राजनीति मे होने की पूरा संभावना है। विधानसभा चुनाव के आंकडे लोकसभा चुनाव के आकड़ों पर गहरा असर डाल सकते हैं। पड़ोसी जिला होने के नाते राजा भइया का असर यहां भी अच्छा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यदि उनकी पार्टी ने कौशाम्बी से प्रत्याशी उतार दिया तो उसकी जीत तय है, क्योंकि राजा भइया के प्रभाव वाली दो सीटें कुंडा और बाबागंज कौशाम्बी लोकसभा सीट में आती है। महज इन दोनों सीटों के 2017 के मिले वोटों को जोड़ लें बाकी बचे तीनों विधानसभाओं से 50-50 हजार वोट भी मिलकर जीत तय कर सकते हैं। भले ही यह अंदाजा और पिछले आंकड़ों के आधार पर कहा जा रहा हो पर इतने मात्र से भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस के कौशांबी लोकसभा सीट से चुनाव की तैयारी मे जुटे उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ गई है।
कुंडा मे रिकार्ड मतों से जीतते रहे हैं राजा
प्रतापगढ़ जिले की कुंडा व बाबागंज विधानसभा कौशांबी संसदीय सीट का हिस्सा है। जिस तरह पिछले लगभग तीन दशक से कुंडा व बाबागंज विधान सभा मे राजा भैया की तूती बोल रही है। विधानसभा चुनाव के आकड़ों पर नजर डाले तो कुंडा से निर्दल विधायक राजा भैया व बाबागंज से निर्दल विधायक विनोद सरोज अपने निकटतम प्रतिद्वंदीयों से काफी आगे रहे हैं। हर बार जीत का अंतर बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा चुनाव 2017 के आकड़ों पर नजर डाले तो कुंडा से राजा भैया को 136597 मत हासिल हुये थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के जानकी शरण को 32,950 मत व तीसरे नंबर पर बसपा के परवेज़ अख्तर को 17,261 वोट हासिल हुए थे। इनके अलावा कुंडा विधानसभा से जितने भी उम्मीदवार मैदान में उतरे थे उन सभी वोट मिलाकर भी राजा भइया के वोटों का 50 प्रतिशत भी नहीं हुआ।
बाबागंज मे भी राजा भैया के नाम पर मिलती है जीत
बाबागंज विधानसभा में भी राजा भैया के खास विनोद कुमार का पिछले कई विधान सभा चुनाव मे डंका बज रहा है। 2017 विधानसभा चुनाव में विनोद कुमार को 69,332 मत मिले थे, जबकि उनके विपक्षी बसपा के महेंद्र कुमार को 27,266 व कांग्रेस के सुरेश भारतीय को 25,920 वोट मिले थे। बाबागंज में भी राजा भैया की हनक के चलते विपक्षी विनोद कुमार के मिले मतों की आधी संख्या तक नहीं पहुंच सके।

मोदी लहर में भी कुंडा और बाबागंज में हारी बीजेपी
लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर चल रही थी और राजनीतिक पार्टियों के मजबूत से मजबूत किले टूट रहे थे। कौशाम्बी में भी ऐसा ही हुआ यहां भाजपा के विनोद सोनकर जीते। बीजेपी को यहां जीत तो मिली पर वह कौशाम्बी लोकसभा की पांच सीटों में से कुंडा और बाबागंज पर हार गयी। यहां सपा के शैलेन्द्र कुमार जीते, चूंकि राजा भइया सपा सरकार में मंत्री थे सो उनके वोटों का फायदा सपा प्रत्याशी को मिला। आकड़ों पर गौर करें तो कौशांबी संसदीय सीट से भाजपा के विनोद सोनकर ने 3,31,593 वोट पाकर अपने मुख्य विपक्षी सपा के शैलेंद्र कुमार 37,160 वोटों से हराया था। सपा के शैलेंद्र कुमार को 2,88,746 वोट मिले थे। शैलेंद्र कुमार कौशांबी जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र चायल, मंझनपुर व सिराथू बड़े अंतर से हारे थे पर राजा के वर्चस्व वाले कुंडा और बाबागंज में उन्हें जीत हासिल हुई। अकेले इन दो सीटों से ही सा को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे। पर चूंकि राजा भइया लोकसभा चुनावों में रूचि नहीं लेते इसलिये कौशांबी की बाकी तीनों विधानसभाओं में मोदी लहर काम कर गयी और भाजपा को जीत हासिल हुई।

आकडे राजा के पक्ष मे, विपक्षी खेमा चिंतित
विधानसभा चुनाव 2017 मे कुंडा व बाबागंज से राजा भैया व विनोद कुमार को मिले वोट जोड़ने पर 2,24,375 हो रहे हैं, जो 2014 में बीजेपी के विनोद सोनको को मिले वोटों से एक लाख से कुछ ही ज्यादा हैं। हालांकि राजा भैया का कौशांबी मे जनाधार जिस तरह से बढ़ रहा है वह इस आंकड़े को बौना साबित कर सकता है। विपक्षी खेमे को यही चिंता खाए जा रही है कि कुंडा व बाबागंज की तरह अगर कौशांबी की सिराथू, चायल व मंझनपुर मे भी राजा का जादू चला तो उनकी विजय पताका को थामने वाला कोई नजर नहीं आएगा।
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