अंग्रेजी हुकूमत से टक्कर लेने वाली क्रांतिकारियों की टोली मे शामिल एकलौती महिला दुर्गा भाभी का जन्म इलाहाबाद (अब कौशांबी) के शहजादपुर गांव में हुआ था। पं बाकेबिहारी के घर 1907 में जन्मी दुर्गा का विवाह लाहौर के भगवती चरण बोहरा के साथ हुआ था। दुर्गा के ससुर शिव चरण बोहरा को अंग्रेज़ सरकार ने राय साहब का खिताब दिया था। इसके बाद भी भगवती चरण देश को आजाद करना चाहते थे। दुर्गा भाभी ने लाहौर से भगत सिंह व राजगुरु को अंग्रेज़ों से बचाकर निकला था। बम बनाने व उसके परीक्षण के दौरान भगवती चरण की मृत्यु हो गई। इसके बाद दुर्गा ने क्रांतिकारियों के साथ देश को आजाद करने की मुहिम को आगे बढ़ाया।
चंदेशेखर आजाद की मौत के बाद दुर्गा भाभी ने क्रांतिकारियों का नेतृत्व भी किया। दुर्गा भाभी का काम क्रांतिकारियों के लिए पिस्तौल व गोला बारूद उपलब्ध कराना था। 17 कतूबर 199 में दुर्गा भाभी का गाजियाबाद में निधन हो गया। इससे पहले उन्होंने लखनऊ मे शिक्षण संस्थान का संचालन किया। कई सालों तक दुर्गा भाभी की जन्म स्थली खंडहर व वीरान पड़ी थाई। यहां पर उनके मामा के बेटे आदि खंडहरनुमा मकान की देख भाल करते थे। इधर कौशांबी के सांसद व भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर ने क्र्गाक्रांतिकारी भाभी के जन्म स्थल को संरक्षित करने का प्रयास शुरू किया। पिछले साल सांसद ने विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह से स्मारक भवन की नीव रखवाई थी। पैंतीस लाख रुपये की लागत से साल भर मे बनकर तैयार दुर्गा भाभी के स्मारक भवन का 9 अगस्त को प्रदेश के राज्यपाल महामहिम राम नाईक लोकार्पण करने आ रहे हैं। कार्यक्रम मे जिले के पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया जाएगा। कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दुर्गा भाभी स्मारक स्थल के नजदीक हेलीपैड का निर्माण जारी है। सांसद विनोद सोनकर, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व एसपी प्रदीप गुप्ता ने जिले के अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए।
By- Shivnandan Shahu