नेवादा विकास खंड के सरांय यूसुफ गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिछले कई वर्षों से संचालित हो रहा है। जिस भवन में विद्यालय संचालित है वह पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है। विद्यालय की दीवारें जगह-जगह से दरकी हुई है, छत का प्लास्टर उखड़ गया है और उसकी सरिया साफ दिखाई देती है। छत में भी दरारे पड़ गई हैं। विद्यालय की फर्श पूरी तरीके से उखड़ चुकी है। कमरों की जमीन पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। इस विद्यालय में चार कमरे हैं और चारों कमरों की स्थिति एक जैसी है। विद्यालय में 71 बच्चों का पंजीकरण कराया गया है। प्रतिदिन लगभग 50 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय पहुंचते हैं।
चार शिक्षकों का स्टाफ छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं लेकिन सभी शिक्षकों समेत छात्र-छात्राओं के मन में हमेशा भय बना रहता है कि कहीं विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग भरभरा कर ढह ना जाए। जर्जर भवन का खौफ छात्र-छात्राओं व शिक्षकों पर इस कदर हावी है कि उनका ना तो पढ़ने में मन लगता है और न पढ़ाने में। बारिश के समय विद्यालय की छत से टपकता पानी यहां को छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के भय को और बढ़ा देता है। विद्यालय के चारो तरफ बाउंड्रीवाल भी नही है।
विद्यालय के हेड मास्टर रामलाल ने विभागीय अधिकारियों को कई बार पत्र भेजकर विद्यालय भवन को दुरुस्त कराने के लिए कहां है लेकिन आज तक विद्यालय की जर्जर भवन को दुरुस्त नहीं कराया जा सका यहां पढ़ने वाले छात्र अनुज का कहना हैं कि वह जब तक विद्यालय में रहते हैं तब तक उन्हें भय सताता रहता है कि भवन कहीं गिर न जाये। मीडिया के जरिए जर्जर भवन की बात प्रभारी बीएसए अरविंद कुमार के सामने पहुंची तो उन्होंने जल्द ही जर्जर भवन को दुरुस्त कराने का दावा किया। प्रभारी बीएसए का कहना है कि ग्राम सभा निधि के रुपये से विद्यालय का कायाकल्प कराया जाएगा। इस अवधि में वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए दूसरे वैकल्पिक व्यवस्था किये जायेंगे।