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पुरानी पेंशन बहाली के लिए राज्य कर्मचारियों ने बुलंद की अपनी आवाज

locationकौशाम्बीPublished: Aug 31, 2018 08:45:52 am

Submitted by:

Sunil Yadav

शिक्षकों ने चाक व पेन डाउन के जरिये बंद रखा शिक्षण कार्य

पुरानी पेंशन बहाली के लिए राज्य कर्मचारियों ने बुलंद की अपनी आवाज

पुरानी पेंशन बहाली के लिए राज्य कर्मचारियों ने बुलंद की अपनी आवाज

कौशांबी. पेंशन बहाली व अन्य मुद्दों को लेकर तीन दिवसीय कलम बंद हड़ताल के दूसरे दिन भी जिले के अधिकतर दफ्तरों में तालाबंदी जैसे हालात रहा। राजकीय कर्मचारियों ने अपने अपने दफ्तरों में पहुँचने के बाद भी ताला बंद कर काम से विरत रहे। हड़ताली कर्मचारियों ने एडीम को अपनी मांगों का एक पत्र भी सौपा। कुछ ऐसा ही हाल परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का भी रहा। शिक्षकों ने चाक डाउन, पेन डाउन के जरिये पेंशन बहाली के लिए अपनी आवाज बुलंद किया। स्कूल पहुंचे बच्चों को देपहर का भोजन कराने के बाद शिक्षकों ने बीआरसी पहुँच कर प्रदर्शन किया।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी संघ व शिक्षक संघ के बैनर तले कर्मचारी व शिक्षक आए दिन धरना प्रदर्शन करते रहे हैं। इधर एक बार फिर से तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया। जिसके तहत विभिन्न विभागों के कर्मचारी दफ्तर तो पहुंचे लेकिन अपने आपको काम से अलग रखा। कई दफ्तरों मे कर्मचारियों ने तालाबंदी भी किया। विकास भवन के अलावा उप संभागीय परिवहन अधिकारी के कर्मचारियों ने दफ्तर मे तलबंदी किया। जिला मुख्यालय के तमाम दफ्तरों मे काम करने वाले राज्य कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पहुँच एडीएम को अपनी मांगों से संबन्धित ज्ञापन सौपा।

परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने भी पुरानी पेंशन के लिए चाक डाउन, पेन डाउन के जरिये शिक्षण काम ठप रखा। शिक्षकों ने सुबह के समय स्कूल खोला और वहाँ बच्चे भी पहुंचे। हालांकि दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को घर भेज शिक्षकों ने स्कूल बंद कर अपने अपने ब्लॉक के बीआरसी पहुँच प्रदर्शन किया। हड़ताल पर रहने वाले राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों का कहना है कि सरकार दोहरी नीति अपना कर काम कर रही है। जनप्रतिनिधियों को दोहरी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है जबकि सालों साल तक सरकार की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को पेंशन न देने का फरमान जारी किया गया है। हड़ताली राज्य कर्मचारियोब व शिक्षकों ने हुंकार भरते हुये कहा है कि वह अपनी मांगों को मनवाए बिना चैन से नहीं बैठने वाले।
By- शिवनंदन साहू

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