जानकारी के अनुसार दारानगर गांव निवासी ममता यादव को प्रसव पीड़ा होने पर सर्द सुबह में लगभग चार बजे पति रामबाबू व आशा कार्यकत्री कांति देवी नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कड़ा पहुंचे। जहां उस समय स्टॉफ नर्स रीता ड्यूटी पर तैनात थीं| प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, लेकिन नर्स ने बिना जांच किए ही कह दिया कि अभी प्रसव में बहुत देर है। प्रसूता के पति रामबाबू ने कहा कि नर्स ने प्रसूता को वापस घर ले जाने को कहा। परिजनों व आशा कार्यकत्री ने प्रसव पीड़ा और ठंड का हवाला देते हुए जांच कर लेने एवं कुछ घंटे वहीं रुकने को कहा तो नर्स ने उन्हें फटकार लगाते हुए भगा दिया| पति एवं आशा कार्यकत्री थक-हारकर प्रसूता को लेकर सैनी स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां घंटे भर के अंदर ही उसने बच्चे को जन्म दिया|
कर्ज लेकर कराना पड़ा प्रसव
रामबाबू ठेले पर चाय समोसा बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। निजी अस्पताल का खर्च वहन करने में अक्षम रामबाबू को स्टॉफ नर्स की लापरवाही के कारण कर्ज लेकर अपनी पत्नी का प्रसव कराना पड़ा।
सीएमओ ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
पीड़िता के परिजनों ने अस्पताल की स्टॉफ नर्स के लापरवाह रवैये एवं शर्मसार कर देनेवाली इस हरकत की मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत की। सीएमओ ने जांच के आदेश देते हुए परिजनों को आश्वस्त किया कि जांच के बाद दोषी पाए जाने पर नर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।