कौशाम्बी

सड़क न बनने से गांव में नहीं आती बारात एक साल में 22 शादियां शहर से करनी पड़ी, किया चुनाव बहिष्कार

नौनिहालों की उच्च शिक्षा हो रही बाधित, ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया फैसला

कौशाम्बीMar 20, 2019 / 06:24 pm

Ashish Shukla

सड़क न बनने से गांव में नहीं आती बारात एक साल में 22 शादियां शहर से करनी पड़ी, किया चुनाव बहिष्कार

कौशाम्बी. चायल तहसील के बहुगरी गांव में जाने के लिए 20 साल पहले बनी सड़क पूरी तरह से टूट गई है। जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आलम ये है कि अपने ही गांव में लोग बेटे-बेटियों की शादी नहीं कर पाते। उन्हे शादी के लिए उन्हे शहर का सहारा लेना पड़ता है। किसी मैरेज हाल या लान को विवाह स्थल बनाया जाता है ताकि मेहमान आसानी से वहां आ सकें।
बतादें कि नेवादा ब्लाक के अंतर्गत आने वाला बहुगिरी गांव मुख्य मार्ग से तीन किलोमीटर की दूरी पर है। गांव में जाने वाले रास्ते का निर्माण 26 साल पहले कराया गया था। तब से ये सड़क 15 साल तो आने-जाने के लिए सुविधाजनक रहा। लेकिन बाद में रास्ता टूट गया। गांव के लोगों का कहना है कि इसे ठीक कराना के लिए कई बार नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाई गई अपनी बातों को कहा गया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों का आना-जाना चालू रहा बाद में पूरी सड़क गढ्ढे में बदल गई।
कुछ सालों में हाल ये हुआ कि खराब रास्ते की दुहाई देकर लोगों ने इस गांव में आना ही बंद कर दिया। बेटे-बेटियों की शादी में भी अड़चन आने लगी। रिस्तेदार सीधे कहने लगे कि गांव आने का रास्ता सही नहीं है इसलिए आप शहर में किसी स्थान से समारोह संपन्न कराएं तभी शादी संभव हो पाएगी। लोग की परेशानी इस कदर बढ़ी कि विवाह शहर से करने पर दो से तीन लाख रूपये का अतिरिक्त खर्च गांव के लोगों पर पड़ने लगा।
एक साल में 22 शादी, गांव में नहीं लगी एक भी बारात

तकरीबन 13 सौ आबादी वाले इस गांव के लोग बताते हैं कि एक साल में हम सबने 22 शादियां की हैं। जिसमें आठ लड़कियों की शादी की गई और 14 लड़कों की लेकिन रास्ता सही न होने के कारण एक भी शादी हम सबने अपने गांव से नहीं किया। सभी शादियों किसी लान, मैरेज हाल को बुक करके ही करनी पड़ी। वहीं गांव में स्कूल वाहन न आ पाने से बच्चों की पढाई नहीं हो पा रही है।
डिप्टी सीएम का शहर है कौशांबी

ये उस जिले का हाल है जहां के रहने वाले केशव प्रसाद मौर्या यूपी सरकार के उप मुख्यमंत्री हैं। इतना ही नहीं उनके ही पास लोक निर्माण विभाग भी है। इसके बावजूद भी बहुगरी गांव एक सड़क ठीक होने का सपना सालों से देख रहा है।
करेंगे मतदान का बहिष्कार

ग्रामीण कहते हैं कि हम सालों से सरकारों से आश्वासन से थक चुके हैं। पूरे ग्रामसभा ने आगामी लोकसभा में मतदान बहिष्कार का फैसला किया है। जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गांव में रास्ते की समस्या है उसे जल्द सही कराके मतदान के लिए ग्रामीणों को मना लिया जाएगा।

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