127 करोड़ का प्रस्ताव, 200 गांवों में बिछेगा सडक़ों का जाल
प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गांवों में 85 सडक़ निर्माण, उन्नयन और चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव परियोजना क्रियांवयन इकाई कवर्धा द्वारा बजट 2021-22 के लिए प्रस्ताव भेजा गया। इससे गांवों में 255 किलोमीटर सडक़ों का जाल बिछेगा।

कवर्धा. गांव को गांव और गांव से ब्लॉक मुख्यालय को जोडऩे के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना बेहद आवश्यक है। इस वर्ष जिलेभर से 85 सडक़ निर्माण, उन्नयन और चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। इनकी स्वीकृति मिलती है तो लाखों ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।
जिले के गांव-गांव में सडक़ निर्माण की मांग है। इसके लिए हर वर्ष प्रस्ताव बनाया जाता है लेकिन गिनती के ही सडक़ों की स्वीकृति मिल पाती है। इस वर्ष भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गांवों में 85 सडक़ निर्माण, उन्नयन और चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव परियोजना क्रियांवयन इकाई कवर्धा द्वारा बजट 2021-22 के लिए प्रस्ताव भेजा गया। इससे गांवों में 255 किलोमीटर सडक़ों का जाल बिछेगा। आंकलन करें तो इसकी कुल लागत करीब 127 करोड़ रुपए से अधिक है। यदि इन सडक़ों की स्वीकृति मिलती है तो 200 से अधिक गांवों के हजारों ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पूर्व वर्ष जिन सडक़ों की स्वीकृति नहीं मिली उसे भी इस वर्ष के बजट मेंं जोडक़र प्रस्ताव भेजा गया है।
40 में 9 ही स्वीकृत
वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गांव-गांव में सडक़ निर्माण के लिए एक लंबी चौड़ी सूची शासन को भेजा गया, लेकिन उसमें मात्र 18 की ही स्वीकृति मिली। वहीं बीते वर्ष सडक़ों की स्वीकृति संख्या 50 प्रतिशत कम हो गई। वर्ष 2020-21 के लिए 40 सडक़ों का प्रस्ताव भेजा जिसमें से मात्र 9 सडक़ें ही स्वीकृति मिली। इसमें ग्राम दुल्लापुर में मेन रोड से दुल्लापुर तक 750 मीटर सडक़ निर्माण लागत 1 करोड़ 73 लाख 8 हजार रुपए, कवर्धा मेंं 5.60 किलोमीटर ग्राम मजगांव-चिमरा सडक़ निर्माण के लिए 2 करोड़ 26 लाख 29 हजार रुपए, बोड़ला मुख्यमार्ग से रानीदहरा तक 6.20 किलोमीटर के लिए 2 करोड़ 40 लाख 98 हजार रुपए, ग्राम सारंगपुर से रवेली तक 8.70 किलोमीटर तक सडक़ निर्माण के लिए 3 करोड़ 63 लाख 45 हजार रुपए, ग्राम सलिहा से बाजार चारभाठा तक 8.277 किलोमीटर लागत 4 करोड़ 46 लाख 30 हजार रुपए की स्वीकृति हो चुकी है, जिसका भूमिपूजन भी किया गया।
वनांचल के महत्वपूर्ण सडक़ शामिल
वर्ष 2021-22 के लिए भेजे गए प्रस्ताव में ऐसे कई सडक़ हैं जो वनांचल क्षेत्र में शामिल हैं। इसमें से पंडरिया ब्लॉक के अंतिम छोर ग्राम माठपुर से तेलियापानी लेदरा तक 16 किमी सडक़ निर्माण किया जाना बेहद जरूरी है। इससे एक दर्जन से अधिक गांव जुड़ते हैं। रास्ता पूरी तरह से जर्जर हो चुका है जिसके चलते यह चलने लायक भी नहीं बचा है। बावजूद ग्रामीण जैसे-तैसे काम चला रहे हैं। इसी तरह से और मार्ग है जिनका उन्नयन बेहद आवश्यक है।
पांच वर्ष नहीं टिक पाती सडक़ें
जिला मुख्यालय से लगे प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ का गुणवत्तायुक्त निर्माण किया जाता है। लेकिन बाकी क्षेत्र की सडक़ों पर गुणवत्ता की अनदेखी की जाती है। गिनती के ही सडक़ होंगे जो पांच वर्ष तक टिक पाते होंगे। इसका मुख्य कारण इंजीनियर व अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण और गुणवत्ता की जांच नहीं करना है।
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