कवर्धा

कवर्धा के होम आइसोलेशन कॉल सेंटर में फूटा कोरोना बम, 13 शिक्षक संक्रमित, ड्यूटी निरस्त करने की मांग

Coronavirus in chhattisgarh: कवर्धा जिला प्रशासन के होम आइसोलेशन कॉल सेंटर में ड्यूटी कर रहे 13 शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा है।

कवर्धाMay 16, 2021 / 05:28 pm

Dakshi Sahu

कवर्धा के होम आइसोलेशन कॉल सेंटर में फूटा कोरोना बम, 13 शिक्षक संक्रमित, ड्यूटी निरस्त करने की मांग

कवर्धा. जिला प्रशासन के होम आइसोलेशन कॉल सेंटर (home isolation call center) में ड्यूटी कर रहे 13 शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus in kawardha) मिलने के बाद शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा है। शिक्षकों ने हंगामा करते हुए प्रशासन से कोरोना ड्यूटी नहीं लगाए जाने की मांग की है। कवर्धा नगर के यूथ क्लब को होम आइसोलेशन कॉल सेंटर बनाया गया है, जहां पर तीन पाली में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षक रोजाना सुबह 6 बजे से अपने गांवों से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं और बारी-बारी होम आइसोलेशन में मरीजों को कॉल करके उनका हालचाल पूछते हैं।
शिक्षक रोजाना 2500 से अधिक मरीजों को कॉल करते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए दो दिनों में यहां ड्यूटी दे रहे 95 शिक्षकों का कोविड टेस्ट कराया गया। शुक्रवार को 47 शिक्षकों का जांच कराया, जिसमें एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले, लेकिन शनिवार की शाम तक 60 शिक्षकों का जांच कराया जिसमें 13 शिक्षक संक्रमित मिले। इसके बाद शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है। वहीं शिक्षकों में नाराजगी भी है।
हर शिफ्ट में 40 टीचर एक ही हॉल में बैठकर कर रहे ड्यूटी
होम आइसोलेशन कॉल सेंटर में करीब 246 शिक्षकों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई गई है। इसमें 24 घंटे शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं। सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे, दो बजे से आठ और आठ बजे रात से दो बजे रात तक ड्यूटी लगाई गई है। पूर्व में एक शिफ्ट में 70 शिक्षक ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन आना-कानी करने की वजह से 40-40 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई। एक ही हाल में इनके बैठने की व्यवस्था की गई है, जो घातक साबित हो रहा है।
जरूरत नहीं थी कॉल सेंटर की
शिक्षकों के अनुसार इस तरह कॉल सेंटर की आवश्यकता ही नहीं थी। बेहतर होता कि जिस गांव या संकुल क्षेत्र में संक्रमित मिले हैं वहीं के शिक्षक अपने-अपने स्कूल जाते और होम आइसोलेशन के मरीजों को कॉल करते। चूंकि शिक्षक अपने क्षेत्रों के लोगों को जानते हैं तो बातचीत में भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती। वहीं संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता। शिक्षकों की मॉनिटरिंग संकुल प्रभारी और बीईओ करते।
परिवारों पर भी संक्रमण का खतरा
संक्रमित शिक्षकों से न जाने कौन-कौन संपर्क में आए, इसे लेकर शिक्षकों के बीच ही दशहत है। संक्रमण यदि घर-परिवार तक पहुंच चुका होगा तो परेशानी और दोगुनी हो जाएगी। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से बहुत ही बड़ा खतरा शिक्षक व उनके परिवार पर मंडरा रहा है। रायपुर जैसे जिले में कॉल सेंटर में लगातार संक्रमित मिलने की खबरें आती रही, जिससे सबक लेकर व्यवस्था में बदलाव किया जाना था।
शिक्षकों में नाराजगी ड्यूटी बंद की मांग
शिक्षक संगठन ने प्रशासन की व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की है। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवेन्द्र चंद्रवंशी ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों से संपर्क करने के लिए कवर्धा के यूथ क्लब भवन में बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि शिक्षक ये काम अपने घर में भी रहकर कर सकते हैं। फिर उन्हें जिला मुख्यालय बुलाने की क्या जरूरत है। शिक्षक भीड़ में असुरक्षा के बीच ड्यूटी कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि बड़ी संख्या में शिक्षक भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। ये चिंता वाली बात है। शिक्षकों को मरीजों की सूची उपलब्ध करा दिया जाए। शिक्षक अपने घर में ही रहकर मरीजो से संपर्क कर लेंगे और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट दे देंगे। यूथ क्लब भवन के कॉल सेंटर में लगी शिक्षकों की ड्यूटी को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।

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