scriptभूमिहीन बताकर समर्थन मूल्य पर बेचा धान, अब 25 हजार से ज्यादा किसानों का कटेगा BPL राशन कार्ड | 25 thousand farmers will be renamed in Kawardha through ration card | Patrika News

भूमिहीन बताकर समर्थन मूल्य पर बेचा धान, अब 25 हजार से ज्यादा किसानों का कटेगा BPL राशन कार्ड

locationकवर्धाPublished: Mar 04, 2021 07:43:47 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

गलत जानकारी देकर धान बेचने वाले किसानों की मुसीबतें बढऩे वाली है। भूमिहीन बताकर BPL राशन कार्ड का लाभ लेने वाले किसानों को अब सामान्य श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

भूमिहीन बताकर समर्थन मूल्य पर बेचा धान, अब 25 हजार से ज्यादा किसानों का कटेगा BPL राशन कार्ड

भूमिहीन बताकर समर्थन मूल्य पर बेचा धान, अब 25 हजार से ज्यादा किसानों का कटेगा BPL राशन कार्ड

कवर्धा. गलत जानकारी देकर धान बेचने वाले किसानों की मुसीबतें बढऩे वाली है। भूमिहीन बताकर बीपीएल राशन कार्ड का लाभ लेने वाले किसानों को अब सामान्य श्रेणी में शामिल किया जाएगा। जिले के 25 हजार से ज्यादा किसानों ने खुद को भूमिहीन बताकर समर्थन मूल्य में धान बेचा है। आधार और राशन कार्ड लिंक होने के कारण उनके झूठ से पर्दा उठा गया है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी किसानों को बीपीएल की जगह एपीएल श्रेणी में करने के लिए कार्रवाई जल्द शुरू कर सकते हैं।
कबीरधाम जिले में इस साल धान की बंपर आवक हुई है। पंजीकृत करीब 95 फीसदी किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों में बेचा। इससे अब उन किसानों की परेशानी बढऩे वाली है जिनके बीपीएल कार्ड हैं और उन्होंने अधिक धान विक्रय किया है।
लालच में फंस गए किसान
किसानों ने राज्य सरकार द्वारा 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिए जाने के चलते अधिक मात्रा में धान बेचा है, लेकिन वे भूल गए कि आधार कार्ड, राशन कार्ड के साथ भी लिंक है। धान बेचने पर पंजीकृत रकबा, धान का क्विंटल सब कुछ ऑनलाइन दिख रहा है, जिसके चलते जो किसान पांच एकड़ से कम होने और भूमिहीन होने का हवाला देकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाए हैं। साथ ही धान का समर्थन का भी लाभ लेने के लालच में बिक्री भी किए हैं, ऐसे 25 हजार किसानों का राशन कार्ड का कटना तय है।
खाद्य विभाग करेगा कार्रवाई
अंत्योदय, निराश्रित, प्राथमिकता सभी प्रकार के मिलाकर जिले में कुल 2 लाख 16 हजार बीपीएल कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से अब अनुमानित 25 हजार से अधिक किसानों के बीपीएल राशन कार्ड जल्द ही सामान्य परिवार(एपीएल) राशन कार्ड में बदल जाएंगे। अभी पटवारी के माध्यम से उन किसानों का सत्यापन कराया जा रहा है। जैसे ही किसानों की पूर्ण सूची तैयार होगी, जिला खाद्य विभाग द्वारा कलेक्टर के आदेश पर इसमें कार्रवाई करेगा।
पटवारी से कराया जा रहा है सत्यापन
खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम ने बताया कि भूमिहीन बीपीएल कार्डधारियों द्वारा भी धान बेचने की जानकारी मिली है। बीपीएल राशन कार्डधारियों ने अधिक मात्रा में धान का विक्रय किया है। पटवारी के माध्यम से सत्यापन कराया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि कितना राशन कार्ड किस श्रेणी का कटेगा।
शासन को गुमराह करके ले रहे योजना का लाभ
मिली जानकारी के अनुसार 15 हजार से अधिक ऐसे ग्रामीण हैं जिन्होंने खुद को भूमिहीन बताकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाया, लेकिन धान की बिक्री किए। अब सवाल यही उठता है कि जब भूमिहीन हैं तो धान कहां से बेचा गया। इसकी जांच कराई जा रही है। इसी प्रकार से 12 हजार से अधिक वह किसान हंै जिन्होंने शासन को शपथ पत्र दिया कि उनके पास पांच एकड़ से कम रकबा भूमि है। इसके चलते ही उनका बीपीएल राशन कार्ड बनाया गया, लेकिन इन्होंने हाल ही में बताए रकबा से अनुपात में कहीं अधिक समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री की। इस तरह से शासन के दोहरी योजना का लाभ लिया।
पंजीकृत किसान पर एक नजर डाले तो पता चलता है कि 2.5 एकड़ तक धान के पंजीकृत रकबा के 63 हजार 491 किसानों का पंजीकृत रकबा 78 हजार 679 एकड़ है। इसमें से 59 हजार 88 कृषकों ने 77 हजार 375 एकड़ रकबा के 11 लाख 34 हजार 950 क्विंटल धान का विक्रय किया। इसी प्रकार ढ़ाई एकड़ से 5 एकड़ तक के 25 हजार 256 किसानों का पंजीकृत रकबा 89 हजार 120 एकड़ है जिसमें से 24 हजार 964 कृषकों द्वारा 88 हजार 93 एकड़ भूमि का 12 लाख 85 हजार 860 क्विंटल धान का विक्रय किया।
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