शनिवार रात 12 बजे पत्नी गंगाबाई को कुछ काटने का एहसास हुआ। थोड़ा दर्द हुआ तो पति को जगाया। देखा तीनों के बीच में एक जहरीला सर्प था। आनन-फानन में बच्चों को उठाया, लेकिन 10 साल का सन्दीप बेहोश था। वहीं पति व पत्नी को भी पैर पर कुछ काटने का निशान था। फिर पूरे गांव में हल्ला हो गया।
तीनों की हालत बिगड़ते देख रात करीब 2 बजे निजी वाहन की व्यवस्था कर पंडरिया अस्पताल पहुंचे। जबकि इतनी दूर के बजाए कुकदूर स्वास्थ्य केंद्र नजदीक है। पंडरिया स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार कर तीनों मरीज को जिला अस्पताल रेफर किया गया। रविवार को जिला अस्पताल में तीनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में शोक की लहर है।
दो बच्चे बेसहारा हुए
कुकदूर थाना प्रभारी सुमित नेताम ने बताया कि मृतक समय लाल धुर्वे किसान था। पत्नी के अलावा उनके तीन बच्चे थे। मृतक सन्दीप 5वीं कक्षा में पढ़ता था। दूसरा लड़का कक्षा तीसरी और एक साल की लडक़ी है। माता-पिता के मृत्यु के बाद दोनों बच्चे बेसहारा हो गए। सुदूर वनांचल में सांप काटने की घटना दिनोंदिन बढ़ते जा रहा है। वहीं लोग आज भी सर्पदंश पर अस्पताल के बजाए बैगा-गुनिया के पास झाडफ़ूंक कराने जाते हैं। जबकि अब अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है।