कबीरधाम जिले की रहने वाली महिला नागपुर से आई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बिरनपुर के स्कूल को बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा था। महिला का सैंपल लेकर एम्स जांच के लिए भेजा गया था। 17 मई को रिपोर्ट आने पर महिला कोरोना पॉजिटिव निकली। स्वास्थ्य विभाग ने इलाज के लिए महिला को तुरंत एम्स भेज दिया। यहां पर डॉक्टरों की निगरानी में महिला 9 दिनों तक रही। मंगलवार को पूरी तरह स्वस्थ्य पाए जाने के बाद एम्स ने डिस्चार्ज कर दिया।
बुखार है और न कोई लक्षण
बिलासपुर से तीन माह के कोरोना पॉजिटिव मासूम का इलाज आईसीयू में चल रहा है। बच्चे की मां भी संक्रमित है। एम्स में शनिवार को मासूम और उसकी मां को भर्ती कराया गया था। कोरोना वायरस के लिए एम्स के नोडल अधिकारी डॉ. अजॉय बेहरा ने बताया कि बच्चों को न तो बुखार है और न ही कोरोना का कोई और लक्षण। कोरोना संक्रमण को छोड़कर अन्य जांच रिपोर्ट भी सामान्य है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार तीन माह के मासूम को हाइड्रोक्लोरोक्वीन का लीक्विड दिया जा रहा है।
बिलासपुर से तीन माह के कोरोना पॉजिटिव मासूम का इलाज आईसीयू में चल रहा है। बच्चे की मां भी संक्रमित है। एम्स में शनिवार को मासूम और उसकी मां को भर्ती कराया गया था। कोरोना वायरस के लिए एम्स के नोडल अधिकारी डॉ. अजॉय बेहरा ने बताया कि बच्चों को न तो बुखार है और न ही कोरोना का कोई और लक्षण। कोरोना संक्रमण को छोड़कर अन्य जांच रिपोर्ट भी सामान्य है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार तीन माह के मासूम को हाइड्रोक्लोरोक्वीन का लीक्विड दिया जा रहा है।
कबीरधाम की महिला का इलाज किया जा रहा था, जिसको ठीक होने के बाद सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। संभवत: प्रदेश की सबसे बुजुर्ग महिला का इम्युनिटी अच्छा था इसलिए उसने 9 दिनों में ही कोरोना को मात देकर अपने घर लौट गई।
डॉ. करन पीपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर
डॉ. करन पीपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर