इस अभियान में नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों, राष्ट्रीय और राज्य औसत से कम साक्षरता दर वाले जिलों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बाहुल्य और अल्पसंख्यक जनसंख्या वाले जिलों को प्राथमिकता प्रदान किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी केएल महिलांगे ने बताया कि असाक्षरों को अनुदेशक द्वारा स्वंमसेवी भावना से नि:शुल्क पढ़ाया जाना है। स्वयंसेवी अनुदेशक द्वारा माह या इससे अधिक अवधि में 120 घंटों का शिक्षण दिया जाएगा। जिले में यह कार्यक्रम ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के संचालन के लिए जिला साक्षरता केंद्र का गठन किया गया है।
कवर्धा कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने जिले के समस्त अधिकारियों को पढऩा लिखना अभियान के क्रियान्वयन के लिए ब्लाक स्तर, नगर स्तर, पंचायत स्तर और वार्ड स्तर पर समितियों का गठन करने और लक्ष्य अनुसार असाक्षरों का चिन्हांकन, स्वंमसेवी शिक्षकों अनुदेशकों का चिन्हांकन व साक्षरता कक्षा संचालन के लिए केंद्र का निर्धारण करने के निर्देशित किया है।