यहां भी व्यवस्था नहीं
२०० रुपए किराया देने के बाद रायपुर वाले एसी बसों में अव्यवस्था रहती है। सीट से अधिक लोगों चढ़ा लिया जाता है। कई यात्रियों को सीट भी नहीं मिलती। यात्री यही सोचकर एसी बसों में चढ़ते है कि इस बस में जल्दी व आराम से गंतव्य स्थल पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता।
चाहिए एसी बसें
रायपुर, राजनांदगांव की तरह दुर्ग और बिलासपुर के लिए भी एसी बसों की आवश्यकता है। बिलासपुर के लिए हर २५ से ३० में सामान्य बसें रवाना होती है, क्योंकि इस रूट पर अधिक यात्री हैं। इसलिए इस रूट पर भी दो-दो एसी बसों की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए जिला बस ऑपरेटर संघ की ओर से मांग की गई, लेकिन अब तक हरी झंडी नहीं मिल सकी है।
२०० रुपए किराया देने के बाद रायपुर वाले एसी बसों में अव्यवस्था रहती है। सीट से अधिक लोगों चढ़ा लिया जाता है। कई यात्रियों को सीट भी नहीं मिलती। यात्री यही सोचकर एसी बसों में चढ़ते है कि इस बस में जल्दी व आराम से गंतव्य स्थल पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता।
चाहिए एसी बसें
रायपुर, राजनांदगांव की तरह दुर्ग और बिलासपुर के लिए भी एसी बसों की आवश्यकता है। बिलासपुर के लिए हर २५ से ३० में सामान्य बसें रवाना होती है, क्योंकि इस रूट पर अधिक यात्री हैं। इसलिए इस रूट पर भी दो-दो एसी बसों की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए जिला बस ऑपरेटर संघ की ओर से मांग की गई, लेकिन अब तक हरी झंडी नहीं मिल सकी है।