आवागमन की सुविधा के लिए पक्की सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण किया गया, लेकिन सड़क निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही वाहन चालकों व लोगों के आफत बन चुकी है। कवर्धा से ग्राम रुसे जाने वाले मार्ग पर आए दिन हादसे हो रहे हैं।
टर्निंग पॉइंट पर ही तालाब
टर्निंग पॉइंट पर ही तालाब है जहां पर वाहन जा गिरता है। इसका मुख्य कारण खतरनाक मोड़ व डिवाईडर को माना जा रहा है। हादसे इसीलिए हो रहे हैं क्योंकि वाहनों की गति अधिक रहती है और मोड़ होने के चलते वाहन नियंत्रित हो पाते। 25 जुलाई, फिर 30 जुलाई को एक कार तालाब में जा गिरा। वहीं 3 अगस्त की सुबह 11 बजे एक कार तालाब में जा गिरा।
इसमें कवर्धा के ही दो युवक सवार थे। तालाब में गिरते ही कार पलट गया, जिसके कारण दोनों युवक कार में ही फंस गए। गांव का युवक इसे देखते ही तालाब में छलांग लगाकर दोनों की जान बचाई। एक युवक दरवाजे से बाहर निकला तो दूसरा कांच तोड़कर। पांच मिनट भी देर होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
मोड़ के पहले दोनों ओर बे्रकर की जरूरत
लगातार हादसे के बाद भी यहां पर वाहनों की गति को कम करने के लिए कोई ब्रेकर नहीं बनाया गया। जबकि मोड़ के पहले दोनों ओर थ्री कट बेे्रकर होना चाहिए और मोड़ पर संकेतक व चेतावनी। बावजूद इस ओर न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है न ही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी का।
जबकि दो माह पूर्व हुए हादसे के बाद सड़क का जायजा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग और यातायात विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। बावजूद आज तक इसमें कोई पहल नहीं हो सकी। वहीं 3 अगस्त को हादसे के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी फिर से जायजा लेने पहुंचे। ग्रामीणों ने उन्हें मोड़ के पहले दोनों ओर बे्रकर और सूचनात्मक संकेतक लगाने की सलाह दी। इस पर अधिकारियों ने हामी भरी।
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