मृतक के शव के दफनाने के 5 दिन बाद परिजनों द्वारा मृतक के मृत्यु के संबंध में शंका होने पर जांच के लिए आवेदन दिया गया था। लेकिन मामले में जांच नहीं हो पा रही थी तो कैबिनेट मंत्री से जांच की मांग की गई। इसके बाद जांच ने रफ्तार पकड़ी। मामले में थाना प्रभारी सहसपुर लोहारा के नेतृत्व में टीम तैयार कर प्रकरण के हर पहलू की बारीकी से जांच पड़ताल प्रारंभ की गई।
जांच के क्रम में पुलिस टीम को इस तथ्य की जानकारी हुई कि मृतक सुरेश कौशिक अपने मित्र रामफल कौशिक और उसके पिता हरिशंकर कौशिक के साथ ग्राम जगला जंगल में किसी बैगा से मिलने व झाड़-फूक पूजा पाठ कराने गए थे। प्रसाद में जहरीला पदार्थ मिला कर खिलाने से रामफल और सुरेश की तबीयत खराब हो गई। जहां से ईलाज के लिए सहसपुर लोहारा लाते समय सुरेश की मृत्यु हो गई व रामफल को गंभीर अवस्था में रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज कराने के बाद उसकी जान किसी तरह जान बच गई ।
सहसपुर लोहारा पुलिस ने दबिश देकर आरोपी सुंदर लाल पिता बैशाखुराम यादव(45), भजनदास पिता घुनुदास मानिकपुरी(38), प्रमोद पसिने पिता रमाकांत(42) और विनोद कुमार पिता पुनाराम कलार(51) बालाघाट मध्यप्रदेश को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। आरोपियों ने बताया कि झाड़-फूंक करने का झांसा देकर मृतक और उसके साथी द्वारा लाए 2 लाख रुपए को हड़पने की नीयत से मिठाई में जहर मिलाकर प्रसाद के रूप में खाने दिया था। दोनों के बेहोश होने पर पैसा लेकर भाग जाने की योजना बनाई थी।
आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307, 328, 120बी, 34 भादवि छग टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनिमय 2005 की धारा 7 दर्ज किया। आरोपियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर इनकी लगातार तलाश होती रही। मुखबीर से सूचना मिलने पर आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर रिमांड में भेजा गया है। मामले को सुलझाने में निरीक्षक अनिल शर्मा, सहायक उप निरीक्षक गिरिजाशंकर यादव, प्रधान आरक्षक खुबीराम साहू, आरक्षक रूपेश राजपूत, कृपाल सिंह और थाना स्टाफ की भूमिका रही।