यानि पिछले छह माह में शहर के 15 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को 298 रुपए का अतिरिक्त भार पड़ा है। इसके उपभोक्ता काफी चिंतित हैं। हालांकि सब्सिडी के रुपए में उपभोक्ता बैंक खाते में निर्धारित राशि वापस आ जाती है, लेकिन तत्काल भुगतान तो पूरा ही करना पड़ता है। साथ ही जिन्होंने सब्सिडी छोड़ी है उनको तो कोई रियायत ही नहीं मिल रही है।
माह दर बढ़ोतरी
अप्रैल | 736 | 1 रुपए |
मई | 785 | 50 रुपए |
जून | 845 | 59 रुपए |
जुलाई | 881 | 36 रुपए |
अगस्त | 912 | 31 रुपए |
सितंबर | 912 | —— |
अक्टूबर | 971 | 59 रुपए |
नवंबर | 1034 | 62 रुपए |