इसी बीच शुक्रवार को ग्राम केसदा में 18 वर्षीय युवक तुकाराम बैगा की तबियत बिगड ग़ई। गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल ही ले जाया जाता है। लेकिन उलट में अधिक पानी की वजह से संजीवनी 108 एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सका। इसके चलते बड़ी मशक्कत करते हुए ग्रामीणों ने ही युवक को खाट के सहारे घुटने से ऊपर पानी के तेज बहाव के बीच एंबुलेंस तक पहुंचाया। युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई।
युवक की मौत, संजीवनी पर उठी उंगली
मृत युवक के परिजन और बैगा समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि समय पर संजीवनी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण युवक को समय पर इलाज नहीं मिल सका। ग्रामीणों के अनुसार वह दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। दूसरी ओर संजीवनी 108 के जिम्मेदारों का कहना है कि वह अधिक पानी की वजह से उलट के आगे नहीं जा सके, जबकि वह समय पर पहुंच गए थे और युवक को अस्पताल पहुंचाया।
मृत युवक के परिजन और बैगा समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि समय पर संजीवनी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण युवक को समय पर इलाज नहीं मिल सका। ग्रामीणों के अनुसार वह दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। दूसरी ओर संजीवनी 108 के जिम्मेदारों का कहना है कि वह अधिक पानी की वजह से उलट के आगे नहीं जा सके, जबकि वह समय पर पहुंच गए थे और युवक को अस्पताल पहुंचाया।
ंपुलिया की आवश्यकता
सरोदा जलाशय के उलट के पानी से हर साल ग्राम केसदा-झंडी सहित कई गांव के मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। इस बार दो अब तक तीन बार ऐसी स्थिति बन चुकी है। जलाशय का उलट गहराई में नहीं बनाया गया। दशकों बाद भी यहां पर पुलिया का निर्माण किया जा सका।
सरोदा जलाशय के उलट के पानी से हर साल ग्राम केसदा-झंडी सहित कई गांव के मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। इस बार दो अब तक तीन बार ऐसी स्थिति बन चुकी है। जलाशय का उलट गहराई में नहीं बनाया गया। दशकों बाद भी यहां पर पुलिया का निर्माण किया जा सका।
जलाशय पर एक नजर
सरोदा बांध का निर्माण जून 1963 में हुआ। जलभराव क्षमता 31.25 मिलियन घन मीटर है। इस जलाशय से 52 गांवों तक पानी पहुंचाया जाता है जिससे 7355 हेक्टेयर पर सिंचाई होती है। इसके साथ ही रोजाना 44 लाख लीटर पानी कवर्धा शहरवासियों को निस्तारी के लिए दिया जाता है।
सरोदा बांध का निर्माण जून 1963 में हुआ। जलभराव क्षमता 31.25 मिलियन घन मीटर है। इस जलाशय से 52 गांवों तक पानी पहुंचाया जाता है जिससे 7355 हेक्टेयर पर सिंचाई होती है। इसके साथ ही रोजाना 44 लाख लीटर पानी कवर्धा शहरवासियों को निस्तारी के लिए दिया जाता है।