भीषण गर्मी के बीच ११२ बच्चों के सूख रहे हलक
कवर्धाPublished: Apr 19, 2022 01:17:10 pm
कवर्धा विकासखंड के सरकारी मिडिल स्कूल दौजरी में पिछले चार माह से बच्चे जल संकट से जूझ रहे हैं। स्कूल के नजदीक हैंडपंप तो लगे हैं, जो सूख चुके हैं। स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों ने कई बार शिक्षा विभाग अधिकारियों व अन्य सक्षम अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया। लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
भीषण गर्मी के बीच ११२ बच्चों के सूख रहे हलक
कवर्धा. भीषण गर्मी के चलते क्षेत्र के कई जलस्रोत सूख गए हैं। कवर्धा विकासखंड के सरकारी मिडिल स्कूल दौजरी में पिछले चार माह से बच्चे जल संकट से जूझ रहे हैं। स्कूल के नजदीक हैंडपंप तो लगे हैं, जो सूख चुके हैं। स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों ने कई बार शिक्षा विभाग अधिकारियों व अन्य सक्षम अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया। लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
भीषण जलसंकट से मिडिल स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्र के ११२ बच्चे परेशान हैं। इससे परेशान शाला प्रबंधन समिति और ग्रामवासियों ने इस गंभीर समस्या के समाधान की मांग की है। जनपद पंचायत कवर्धा के अंतर्गत ग्राम पंचायत दौजरी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में ७2 छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या है। वहीं पास में ही आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित है, जिसमें बच्चे की संख्या 40 है। पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए पानी टंकी तो है, लेकिन शो-पीस बना हुआ है। वहीं पिछले चार माह से हैण्डपंप बंद पड़ा हुआ है, जिसके मरम्मत व सुधार के लिए जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहा है। मिडिल स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे पानी की समस्या से परेशान है। हैण्डपंप बंद होने के कारण रसोईया और सहायिका दोनों की मुश्किले बढ़ गई है। मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए रसोईयां को दूर-दराज से पानी पड़ता है। वहीं शौचालय में पर्याप्त पानी नहीं डाले जाने के कारण बदबू उठने लगे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चे व छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। मध्यान्ह भोजन के बाद बच्चों को हाथ धोने के लिए भी पानी नसीब नहीं है। ऐसे में मध्यान्ह भोजन बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। लेकिन उच्च अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं है। भीषण गर्मी के बीच शासकीय स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में बच्चे, शिक्षक, रसोईया हलकान होने लगे हैं। इस ओर अब शिक्षा अधिकारी ध्यान देने की जरूरत है।
स्कूल आने में हिचकिचाते हैं बच्चे
पानी की समस्या होने के कारण छात्र स्कूल आने में हिचकिचाने लगे हैं। जिससे उनकी पढा़ई भी प्रभावित हो रही है। पानी न होने से समूह संचालक को मध्यान्ह भोजन बनाने में परेशानी हो रही है। ऐसी हालत में इस समस्या को लेकर अभिभावकों में भी आक्रोश पनप रहा है। पालकों कहा है कि यदि शासन-प्रशासन पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, तो स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र को बंद कर दे।