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महज तीन साल में ही उखड़ गई पक्की सड़क से डामर की परते

locationकवर्धाPublished: Mar 15, 2019 11:45:59 am

Submitted by:

Panch Chandravanshi

लोगों के आवागम को सुलभ करने के लिए शहर से लेकर गांव तक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन घटिया निर्माण के चलते यह सड़क समय से पहले ही खराब हो रहे हैं।

Stripped asphalt leaves

Stripped asphalt leaves

इंदौरी. आवागमन को सुलभ बनाने के लिए सरकार हर वर्ष सड़के बनाई जा रही है। कोने कोने में सड़कों की जाल बिछाई जा रही है। इसके लिए प्रशासन से मोटी रकम खर्च भी कर रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पीएम योजना की सड़कें गुणवत्ताहिन निर्माण के चलते कुछ साल बाद बद से बद्तर हो जाती है, जिससे लोगों को गांरटी अवधि में ही इसका लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।
लोगों के आवागम को सुलभ करने के लिए शहर से लेकर गांव तक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन घटिया निर्माण के चलते यह सड़क समय से पहले ही खराब हो रहे हैं। सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम पंचायत बंधी से खैरा पहुंच मार्ग इसका जीता जागता उदाहरण है, जिसे अभी लगभग तीन साल भी पूरे नहीं हुए हैं और मार्ग पर से डामर की परतें उखडऩे से छोटी बड़ी गिट्टी बाहर आ गए हैं, जो वाहनों सहित राहगीरों को परेशान कर रहे हैं। बावजूद ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं और जिम्मेदारों को कोस रहे हैं।
सड़क निर्माण में बरती गई अनियमितता
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक गांव से दूसरे गांव को जोडऩे के पीछे प्रशासन के नियत साफ है, लेकिन संबंधित रोड मेकर ठेकेदार की लापरवाही के चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जाने के कारण निर्माण के बाद महज दो-तीन साल में ही सड़कें जवाब देने लगी है। मार्ग की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटे बड़े वाहनों के गुजरने से धूल उडऩे लगते हैं। अभी से यह स्थिति है तो गर्मी के दिनों में इस मार्ग पर चलने पर धुल की परतों से सामना करना पड़ सकता है। दिन में जैसे तैसे इस मार्ग से आवागमन हो जाती है, लेकिन रात को इस मार्ग पर दो पहिए वाहन से सफर करना चुनौती भरा रहता है।
दो साल में खुली पोल
निर्माण के दो साल बाद ही पक्की सड़क का हाल बेहाल हो चुका है। इस सड़क की गुणवत्ता का अंदाजा गिट्टी की बिखराव से लगाया जा सकता है। शायद ग्रामीण स्तर में निर्माण कार्य कुछ इस तरह की होते हैं। सड़क निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। इसके चलते ही सड़क समय से पहले ही खराब हो चुका है। अगर समय रहते मरम्मत नहीं हुआ तो आने वाले बरसात के दिनों में इसकी स्थिति और भयानक हो जाएगी। इसके पहले मरम्मत जरुरी है।
मरम्मत नहीं होने से गिट्टी का बिखराव
मरम्मत नहीं किए जाने से मार्ग पर चलना मुश्किल हो रहा है। छोटे बड़े पत्थर व बोल्डर उखड़ कर मार्ग में बिखरे पड़े हुए हैं। इससे आवागमन करने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद विभागीय अमला मार्ग की दशा सुधरवाने ध्यान नहीं दे रहा है। अक्सर वाहन सवार इस मार्ग में गुजरते हुए दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
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