भालूचूवा ग्रामीणों को नहीं मिली रही है बुनियादी सुविधा, संक्रमण का बढ़ा खतरा
गांव में चले स्वच्छता अभियान का अंदाजा ग्राम भालूचूवा की गलियों को देखकर लगाया जा सकता है। ग्राम भालूचूवा में निकासी नालियां नहीं होने से गंदा पानी गलियों में बह रहा है। ऐसे में ग्रामीण गंदगी के बीच गुजर बसर करने को मजबूर है। गांव में स्वच्छता धीरे-धीरे दम तोड़ती नजर आ रही है।
भालूचूवा ग्रामीणों को नहीं मिली रही है बुनियादी सुविधा, संक्रमण का बढ़ा खतरा
बरबसपुर. गांव में चले स्वच्छता अभियान का अंदाजा ग्राम भालूचूवा की गलियों को देखकर लगाया जा सकता है। ग्राम भालूचूवा में निकासी नालियां नहीं होने से गंदा पानी गलियों में बह रहा है। ऐसे में ग्रामीण गंदगी के बीच गुजर बसर करने को मजबूर है। गांव में स्वच्छता धीरे-धीरे दम तोड़ती नजर आ रही है। गलियों की स्थिति देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है
बोड़ला विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भालूचूवा अकेला पंचायत है, कोई आश्रित गांव नहीं है। पंचायत के कुल 12 वार्डों में लगभग 2000 जनसंख्या निवासरत है। एक 2 वार्ड को छोड़ दें तो लगभग सभी वार्डों के गलियां कीचड़ व गंदगी से सराबोर हैं। इसके चलते ग्रामीणों को चलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पक्की नाली और सीसी निर्माण के अभाव में हैण्डपंप व निस्तारी का गंदा पानी 24 घंटा गलियों में रहा है। वहीं साफ-सफाई के अभाव में गलियों में बदबू उठ रहे हैं, जिसमें मच्छर पनप रहा है, जो लोगों को बीमार करने के लिए काफी है। ऐसे में शाम होते ही मच्छरों के आतंक के चलते घर के खिड़की-दरवाजे बंद हो जाते हैं। एक ओर कोरोना वायरस से पूरा देश दहशत में है। क्योंकि देशभर में अब तक ७६ लोग कोरोना वायरस से ग्रषित है, जिसमें से एक की मौत भी हो गई है। इससे बचने के लिए डॉक्टर तरह-तरह के तरकिब बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गली-मोहल्ले में फैली गंदगी व सडऩ की बदबू से भी ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है। इसके बाद भी साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। एक तो साफ-सफाई को लेकर पंचायत प्रतिनिधि लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं गली मोहल्ले में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
गंदे पानी की निकासी का कोई बंदोबस्त नहीं
दरअसल ग्राम भालुचूवा के कई वार्ड की गलियां मे गंदे पानी की निकासी को लेकर आज पर्यंत कोई स्थाई बंदोबस्त नहीं किया गया है पक्की नालियां के अभाव में घरों से निकलने वाला गंदा पानी गली में बहता रहता है। गली में प्रवाहित गंदे बदबूदार पानी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों रवैया उदासीन बना हुआ है। अगर गलियों में सीसी रोड़ के अलावा पक्की नाली का निर्माण करा दिया जाए तो ग्रामीणों को इस गंभीर समस्याओं से निजात मिल जाएगी, लेकिन सच्चाई तो यह है कि पंचायत प्रतिनिधि समस्या की ओर से मुंह फेर कर बैठे हैं। जब तक इसकी व्यवस्था नहीं की जाएगी किसी भी गांव में संपूर्ण स्वच्छता की कल्पना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है।
पंचायत प्रतिनिधियों की निष्क्रियता
गंदगी को साफ कराने पंचायत कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यही वजह की गंदगी चारों ओर फैल गया है। इस संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन पंचायत की निष्क्रियता के चलते सफाई नहीं किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों भी गांव की व्यवस्था सुधारने और गंदगी को साफ कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई दे रहा है। घरों से निकलने वाले पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। इसके चलते सूखे के दिनों में भी गांव की गलियां कीचड़ से सनी हुई है। बरसात के दिनों में तो और ज्यादा परेशानी झेलना पड़ता है।