scriptराज्य शासन के आदेश के खिलाफ सड़क पर उतरे भाजपाई | BJP people took to the road against the order of the state government | Patrika News

राज्य शासन के आदेश के खिलाफ सड़क पर उतरे भाजपाई

locationकवर्धाPublished: May 17, 2022 01:51:07 pm

Submitted by:

Yashwant Jhariya

धरना, आंदोलन, प्रदर्शन और रैली पर राज्य सरकार के गृह विभाग की तरफ से जारी नए आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में भाजपा द्वारा जेल भरो आंदोलन किया गया। इसी क्रम में जिला भाजपा द्वारा इस आदेश को मिनी इमरजेंसी की संज्ञा देते अंबेडकर चौक पर भाजपाईयों ने प्रदर्शन किया।

राज्य शासन के आदेश के खिलाफ सड़क पर उतरे भाजपाई

राज्य शासन के आदेश के खिलाफ सड़क पर उतरे भाजपाई

कवर्धा.
राज्य सरकार ने धरना प्रदर्शन और जुलूस करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है जिसे भारतीय जनता पार्टी काला कानून कहते हुए अपना विरोध जता रही है। इसे लेकर प्रशासन से अनुमति लिए बगैर ही १६ मई को प्रदेशभर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन को लेकर भाजपाईयों ने कवर्धा में शाम करीब ४ बजे अंबेडकर चौक पर एकत्रित होकर धरना देते आंदोलन का बिगुल फूं का।
धरना उपरांत रैली की शक्ल मेंं कलेक्ट्रेट घेराव करने निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन द्वारा सरदार पटेल मैदान के पास ही रोक दिया। इस दौरान भाजपाईयों और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई। आखिरकार मैदान में अस्थाई खुली जेल में करीब २५० से ३०० भाजपाईयों ने गिरफ्तारी दी। इस दौरान पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, जिला पंचायत सदस्य रामकुमार भट्ठ, विजय शर्मा, देवकुमारी चंद्रवंशी, भावना बोहरा, वीरेंद्र साहू, क्रांति गुप्ता, अजीत चंद्रवंशी, रामकृष्ण साहू, गोपाल साहू, विजय लक्ष्यमी तिवारी सहित भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य देश व समाज की प्रगति के बेहतर मानक होते हंै जो समाज को सर्वसमावेशी और न्यायिक बनाते हैं। धरना, प्रदर्शन, आंदोलन आदि पर रोक लगाने छत्तीसगढ़ की डरी हुई सरकार द्वारा काला कानून लाकर छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया गया है जिसका हम भाजपाई पुरजोर विरोध करते हैं।
आपातकाल परिस्थिति पैदा करने की कोशिश
धरना स्थल पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे ने कहा कि यह सिर्फ भाजपा का नहीं, आम जनता का आंदोलन है। कांग्रेस की सरकार प्रदेश की जनता से उनके मौलिक अधिकारों को छीनकर 1977 के आपातकाल वाली परिस्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है जिसे किसी भी कीमत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। वहीं पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि हर मुद्दे पर फेल हो चुकी राज्य की कांग्रेस सरकार अपने आप को चारों तरफ से घिरा हुआ पाकर ऐसे आदेश जारी कर रही है जिससे छत्तीसगढ़वासियों की अभिव्यक्ति की आजादी को छीना जा सके।
कार्यकर्ता-पुलिस के बीच झूमा झटकी
रैली जब कलेक्टर की ओर बढ़ी तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया ताकि वह सीधे सरदार पटेल मैदान पहुंचे। इसे लेकर विरोध शुरू हुई और कार्यकर्ता व पुलिस जवानों के बीच झूमाझटकी होती रही। जबकि जनप्रतिनिधि व नेता पीछे रहे। यह केवल औपचारिक रूप से गिरफ्तारी देने के लिए ही पहुंचे। वैसे हर प्रदर्शन में यही होता है कि नेता पीछे ही रहते हैं उनके लिए कार्यकर्ता लड़ाई लड़ते हैं।
तगड़ी व्यवस्था
प्रदर्शन के दौरान कोई भी घटना घटित हो सकती है इसी आशंका के चलते जिला पुलिस ने तगड़ी व्यवस्था रखी। जिले के सभी थाना से टीआई व पुलिस जवानों को बुलाया गया। वहीं रिजर्व बल भी मौजूद रहा। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर भी पुलिस तैनात किए गए थे। जगह-जगह बेरिकेट्स लगा गए थे, ताकि किसी भी तरह स्थिति बनती है तो उससे निपटा जा सके।
जाम में फंसे रहे लोग
भाजपा के आंदोलन रूपी प्रदर्शन के चलते आम जनता को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। नगर के अंबेड़कर चौक पर दोपहर को ही पुलिस बेरिकेट्स लगा चुके थे जिसके कारण इस मार्ग से आम जनता के लिए आवागमन बंद कर दिया गया। इसके चलते उन्हें राजमहल चौक होते हुए कलेक्ट्रेट मार्ग या फिर बस स्टैण्ड होते हुए जाना पड़ा। इस प्रदर्शन की आम जनता को कोई जानकारी नहीं जिसके कारण वह भटकने को मजबूर हुए। इसके बाद शाम को जब भाजपाईयों का प्रदर्शन खत्म हुआ तो अंबेडकर चौक से राजमहल चौक तक जाम लग गया। बड़ी संख्या में वाहनों की कतार लग गई। काफी मशक्कत और करीब आधे घंटे बाद रास्ता साफ हो सका।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो