धरना स्थल पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे ने कहा कि यह सिर्फ भाजपा का नहीं, आम जनता का आंदोलन है। कांग्रेस की सरकार प्रदेश की जनता से उनके मौलिक अधिकारों को छीनकर 1977 के आपातकाल वाली परिस्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है जिसे किसी भी कीमत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। वहीं पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि हर मुद्दे पर फेल हो चुकी राज्य की कांग्रेस सरकार अपने आप को चारों तरफ से घिरा हुआ पाकर ऐसे आदेश जारी कर रही है जिससे छत्तीसगढ़वासियों की अभिव्यक्ति की आजादी को छीना जा सके।
कार्यकर्ता-पुलिस के बीच झूमा झटकी
रैली जब कलेक्टर की ओर बढ़ी तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया ताकि वह सीधे सरदार पटेल मैदान पहुंचे। इसे लेकर विरोध शुरू हुई और कार्यकर्ता व पुलिस जवानों के बीच झूमाझटकी होती रही। जबकि जनप्रतिनिधि व नेता पीछे रहे। यह केवल औपचारिक रूप से गिरफ्तारी देने के लिए ही पहुंचे। वैसे हर प्रदर्शन में यही होता है कि नेता पीछे ही रहते हैं उनके लिए कार्यकर्ता लड़ाई लड़ते हैं।
प्रदर्शन के दौरान कोई भी घटना घटित हो सकती है इसी आशंका के चलते जिला पुलिस ने तगड़ी व्यवस्था रखी। जिले के सभी थाना से टीआई व पुलिस जवानों को बुलाया गया। वहीं रिजर्व बल भी मौजूद रहा। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर भी पुलिस तैनात किए गए थे। जगह-जगह बेरिकेट्स लगा गए थे, ताकि किसी भी तरह स्थिति बनती है तो उससे निपटा जा सके।
जाम में फंसे रहे लोग
भाजपा के आंदोलन रूपी प्रदर्शन के चलते आम जनता को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। नगर के अंबेड़कर चौक पर दोपहर को ही पुलिस बेरिकेट्स लगा चुके थे जिसके कारण इस मार्ग से आम जनता के लिए आवागमन बंद कर दिया गया। इसके चलते उन्हें राजमहल चौक होते हुए कलेक्ट्रेट मार्ग या फिर बस स्टैण्ड होते हुए जाना पड़ा। इस प्रदर्शन की आम जनता को कोई जानकारी नहीं जिसके कारण वह भटकने को मजबूर हुए। इसके बाद शाम को जब भाजपाईयों का प्रदर्शन खत्म हुआ तो अंबेडकर चौक से राजमहल चौक तक जाम लग गया। बड़ी संख्या में वाहनों की कतार लग गई। काफी मशक्कत और करीब आधे घंटे बाद रास्ता साफ हो सका।