ग्राम के एक नहीं, पांच तालाब में है कब्ज़ा
ग्राम पंचायत कामठी में एक नहीं पांच तालाबों पर कब्जा किया गया है। ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उनका कहना है की राजवाड़ा जमीन कह कर ग्राम के अन्य पांच तालाबों में भी कब्ज़ा किया गया है, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है हमें जरूरत के लिए पानी निकासी नहीं मिलती न ही उक्त तालाब में ग्रामवासी मछली पालन कर सकते हैं। वहीं ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष ठेके के राशी के रूप में मिलने वाले लाखों रुपए की राजस्व की भी हानी हो रही है, जो की निश्चित रूप से ग्राम विकाश में सहायक होती।
ग्राम पंचायत कामठी में एक नहीं पांच तालाबों पर कब्जा किया गया है। ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उनका कहना है की राजवाड़ा जमीन कह कर ग्राम के अन्य पांच तालाबों में भी कब्ज़ा किया गया है, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है हमें जरूरत के लिए पानी निकासी नहीं मिलती न ही उक्त तालाब में ग्रामवासी मछली पालन कर सकते हैं। वहीं ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष ठेके के राशी के रूप में मिलने वाले लाखों रुपए की राजस्व की भी हानी हो रही है, जो की निश्चित रूप से ग्राम विकाश में सहायक होती।
जनजाति समूह को नहीं मिल रहा लाभ
ग्राम पंचायत कामठी में ५० प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग है। इनके द्वारा रोजगार के लिए समूह संचालित भी किए जाते हैं। शासन के नियमानुसार अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के समूहों को मछली पालन के लिए तालाब आवंटन में प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन तहसील मुख्यालय के कुछ लोगों के दबंगई के चलते अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है।
ग्राम पंचायत कामठी में ५० प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग है। इनके द्वारा रोजगार के लिए समूह संचालित भी किए जाते हैं। शासन के नियमानुसार अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के समूहों को मछली पालन के लिए तालाब आवंटन में प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन तहसील मुख्यालय के कुछ लोगों के दबंगई के चलते अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है।