scriptपुलिस के बड़े अधिकारियों से पहचान बताकर युवक से ठगे लाखों रुपए, जब नहीं लगी कांस्टेबल की नौकरी तो पैसे देने से कर दिया इनकार | Cheating of lakhs in the name of police constable job | Patrika News
कवर्धा

पुलिस के बड़े अधिकारियों से पहचान बताकर युवक से ठगे लाखों रुपए, जब नहीं लगी कांस्टेबल की नौकरी तो पैसे देने से कर दिया इनकार

युवक की पुलिस विभाग में नौकरी लगी न ही रुपए वापस हुए। इसके बाद युवक ने कोतवाली में निरंजन खरे के खिलाफ लिखित शिकायत की है।

कवर्धाNov 25, 2021 / 12:56 pm

Dakshi Sahu

पुलिस के बड़े अधिकारियों से पहचान बताकर युवक से ठगे लाखों रुपए, जब नहीं लगी कांस्टेबल की नौकरी तो पैसे देने से कर दिया इनकार

पुलिस के बड़े अधिकारियों से पहचान बताकर युवक से ठगे लाखों रुपए, जब नहीं लगी कांस्टेबल की नौकरी तो पैसे देने से कर दिया इनकार

कवर्धा. पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर नौकरी लगाने के नाम से एक युवक से दो लाख पांच हजार रुपए ठगे। रुपए वापस मांगने पर केवल झूठे वादा करता रहा। जब युवक को राशि नहीं मिली तो उसने कवर्धा कोतवाली में मामले की लिखित शिकायत की। पुलिस ने धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना कर रही है।
पुलिस विभाग में जान पहचान का दिया हवाला
कोतवाली कवर्धा से मिली जानकारी अनुसार मामला तीन वर्ष पूर्व 2018 का है, लेकिन मामला हाल ही में दर्ज कराया गया। थाना पाण्डातराई अंतर्गत ग्राम चारभाठा खुर्द निवासी होरीलाल पिता द्वारका प्रसाद बंधे(28) कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर कवर्धा में पीजीडीसीए का कोर्स किया। वर्ष 2017-18 पुलिस बल आरक्षक की भर्ती परीक्षा में नौकरी के लिए आवेदन दिया था। इसी दौरान कवर्धा में निरंजन पिता अलख राम खरे(40) निवासी वार्ड नं.9 मजगांव रोड कवर्धा ने प्रार्थी के चाचा दीप चंद बंधे और दया प्रसाद से सम्पर्क कर उनसे कहा कि वह नौकरी पुलिस विभाग में लगवाता है। उसकी पुलिस विभाग में बड़े अधिकारियों के साथ अच्छी जान पहचान है। उठना बैठना है।
पुलिस में की लिखित शिकायत
साथ ही निरंजन खरे ने यह भी बताया कि उसकी बड़े-बड़े नेताओं से भी संबंध है। वह उसकी भी नौकरी पुलिस विभाग के आरक्षक पद पर लगवा सकता है। उन्होंने कहा कि चार लाख रुपए दोगे तो उसकी नौकरी लगवा सकता है। गांव का भोलाभाला युवक, निरंजन खरे की बातों में आ गया और उसे दो लाख पांच हजार रुपए दे दिए। युवक की पुलिस विभाग में नौकरी लगी न ही रुपए वापस हुए। इसके बाद युवक ने कोतवाली में निरंजन खरे के खिलाफ लिखित शिकायत की है।
फसल बेचकर युवक के घर वालों ने दिया था पैसा
युवक ने बताया कि घर में फसल बेचकर रखी राशि एक लाख 75 हजार रुपए को मार्च 2018 में निरंजन खरे को दिया। इसके बाद 30 हजार रुपए एक सप्ताह बाद कुल दो लाख 5000 रुपए एडवांस के तौर पर अपने चाचा दिपचंद बंधे, दया प्रसाद सतनामी, पिता स्व.द्वारका प्रसाद के साथ जाकर निरंजन खरे के निवास में जाकर दिए। पैसे देने के बाद निरंजन खरे ने पैसे लेकर कहा कि अब तुम निश्चिंत रहो, तुम्हारा आरक्षक भर्ती में चयन हो जाएगा। कुछ दिन बाद परीक्षा का परिणाम आया तो युवक का नाम ही नहीं था।
इकरारनाका के बाद भी नहीं लौटाए रुपए
नौकरी नहीं लगने पर प्रार्थी युवक निरंजन खरे से पास गया तो निरंजन खरे उसे गोल-मोल जवाब देने लगा और पैसे मांगने पर जल्द ही वापस कर दूंगा बोला। परन्तु निरंजन खरे ने रुपए वापस नहीं किया। रुपए मांगने पर निरंजन खरे द्वारा युवक के नाम से एक इकरारनामा नोटरी के समक्ष गवाहों की उपस्थिति में निष्पादित किया है जिसमें भी निरंजन खरे ने उसे नौकरी लगाने के लिए रकम लेने की बात स्वीकार की है। वहीं रकम को 15 अगस्त 2021 तक किसी भी कीमत पर लौटाने का वादा किया। आरोपी निरंजन खरे अपने दिए वादे से भी मुकर गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो