खुलेआम बिक रही लोकल ब्रांड के पानी पाउच और बंद बोतल में पानी की न तो शुद्धता का कोई पैमाना तय किया जाता है और न ही पैकिंग की तिथि निर्धारित लिखी होती है। इसके चलते महिनों पहले की पैकिंग तैयार की गई पानी की बिक्री होती रहती है। कुछ वर्ष पहले शहरों में केवल राष्ट्रीय स्तर के कुछ ब्रांड के पानी पाउच मिलते थे, लेकिन अब धीरे धीरे कम हो गई है। बीते कुछ सालों से अब लोकल ब्रांड के पानी पाउच जिले के कोने कोने गांव में अपना पैर मजबुती से पसार चुके हैं। यही कारण है कि लोकल ब्रांड के पानी पाउच प्राय: हर गांव में आसानी से मिल जाते हैं। जानकारों की माने तो खुलेआम बिक रही यह पानी पाऊच सीधे सीधे बीमारी का घर है। पानी पाउच में इतनी अशुद्धियां होती है कि हैजा, पिलिया जैसे दर्जन बीमारी का कारण बनते हैं।
व्यापारी से खरीदने के बाद स्थानीय रिटेलर द्वारा भी इनके रख रखाव को लेकर सावधानी नहीं बरती जाती है। क्योंकि व्यापारी पानी पाऊच के बोरे को फ्रिजर के बजाए दुकान या गोदाम के कोने में पटक दिया जाता है। इस प्रकार की दर्जन से अधिक पानी पाऊच का ब्रांड ग्रामीण अंचल के फुटकर व्यापारी के पास अक्सर दिखाई देती है। अधिकांश पानी पाउच पंप से ही निकाला गया लोकल पानी होता है। इस पानी को न तो फिल्टर किया जाता है और न ही इसकी पैकिंग क्वालिटी की होती है। अमूमन इस तरह के पानी पाऊच की कीमत लगभग 40 से 50 पैसे होती है, जिसे दुकानदारों द्वारा दो से ढ़ाई रुपए तक बेचा जाता है।