परियोजना पूर्ण होने पर रेल लाइन कबीरधाम जिले के 50 गांवों से भी गुजरेगी। लोहारा तहसील अंतर्गत 15 गांव, कवर्धा तहसील के 23 गांव और पंडरिया तहसील के 12 गांव अंतर्गत कुल 61 किलोमीटर की पटरी बिछाई जाएगी। डोंगरगढ़ से कटघोरा रेल लाइन के लिए 295 किमी. की दूरी के बीच कुल 27 स्टेशन बनेंगे। इसमें डोंगरगढ़ से कवर्धा के मध्य सहसपुर लोहरा, गंडई, छुईखदान सहित 12 और कवर्धा से कटघोरा के मध्य पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, काठाकोनी सहित 15 स्टेशन का निर्माण होना है। इसके लिए जगह चिंहांकित हो चुके हैं। यह सिंगल लाइन रहेगी, जिससे मालगाड़ी के साथ पैसेंजर रेलगाड़ी भी गुजरेगी। भविष्य में इसे डबल लाइन किया जा सकता है।
निर्माण एजेंसी छग रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दी गई। रेलवे को इस परियोजना में 350 करोड़ रुपए इसमें लगाने है। बाकी राशि अलग-अलग संस्थाओं को देनी है। रेल लाइन परियोजना की संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए हैं। परियोजना का सर्वाधिक लाभ राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ और कबीरधाम को मिलेगा। रेल लाइन निर्माण से न सिर्फ डोंगरगढ़ से कवर्धा होकर कोरबा यात्रियों को राहत मिलेगी वरन कोयला व अन्य खनिजों के परिवहन से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
जिले की आबादी बढऩे के साथ ही आवागमन के लिए रेल लाइन की कमी महसूस की जा रही थी। वहीं जिले से रेललाइन के गुजरने से सैकड़ों युवाओं और लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। स्टेशन और उसके आसपास बड़ी संख्या में दुकानें लगाई जाएगी। रिक्शा, ठेला, ऑटो भी चलाएंगे। वहीं रेल संचालन व पटरी पर कार्य के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली जाएगी। यहां से जिले के युवाओं को भी मौका मिलेगा।
कबीरधाम में कुल छह स्टेशन बनेंगे। पंडरिया तहसील के कंवलपुर, सोमनापुर, कवर्धा तहसील बरदुली और सहसपुर लोहारा तहसील के धनेली(छांटा झा) और धनगांव में सबस्टेशन प्रस्तावित है। स्टेशन की दूरी 7 से 13 किमी तक है। वहीं मुख्य स्टेशन जिला मुख्यालय कवर्धा के पास ग्राम नवागांव तिवारी में होगा। यह कवर्धा शहर से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे 2 किमी की दूरी पर नया बस स्टैण्ड भी है जिसका लाभ मिलेगा।
इसी वर्ष मार्च में सांसद संतोष पांडेय ने डोंगरगढ़ से कवर्धा-कटघोरा रेल मार्ग पर कार्य प्रारंभ करने को लेकर लोकसभा में मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया था कि इस मार्ग निर्माण में भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्य प्रारंभ था, उसके बाद प्रदेश में सरकार बदलते ही अब रफ्तार थम गई। इस पर रेल मंत्री ने जवाब देते हुए कहा था कि डोंगरगढ़ कटघोरा प्रोजेक्ट रेलवे का काम प्रदेश सरकार का ज्वाइंट वेंचर के अंतर्गत प्रोजेक्ट था जिसमें प्रदेश सरकार को कार्य प्रारंभ करना चाहिए।