scriptडोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण, भाजपा सरकार ने रखी थी नींव, कांग्रेस आई तो 3 साल से पत्थर भी नहीं हिला | Construction of Dongargarh-Kawardha-Katghora rail line project stopped | Patrika News

डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण, भाजपा सरकार ने रखी थी नींव, कांग्रेस आई तो 3 साल से पत्थर भी नहीं हिला

locationकवर्धाPublished: Nov 25, 2021 12:48:19 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण लग गया है। इस पर न तो राज्य सरकार ध्यान दे रही न ही केंद्र सरकार। जबकि दोनों के संयुक्त प्रयास से ही यह परियोजना सार्थक हो सकती है।

डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण, भाजपा सरकार ने रखी थी नींव, कांग्रेस आई तो 3 साल से पत्थर भी नहीं हिला

डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण, भाजपा सरकार ने रखी थी नींव, कांग्रेस आई तो 3 साल से पत्थर भी नहीं हिला

कवर्धा. डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेललाइन परियोजना पर ग्रहण लग गया है। इस पर न तो राज्य सरकार ध्यान दे रही न ही केंद्र सरकार। जबकि दोनों के संयुक्त प्रयास से ही यह परियोजना सार्थक हो सकती है। जो बाधाएं थी वह दूर की जा चुकी है, लेकिन अब सरकार ही इसमें रूचि नहीं ले रहे, मानो आम जनता की आस कोई सरोकार न हो। कई दशक पूर्व से चल रही मांग और आस लगाए कबीरधाम जिलेवासियों को नेता व सरकार केवल रेललाइन का सपने दिखाकर अपने वोट बटोरते रहे, लेकिन इसे धरातल पर साकार करने पर काम नहीं किया। अब तक मौका आया कि रेललाइन निर्माण किया जाए तो सत्ता और शासन इससे मुंह फेरे बैठे हैं।
6 अक्टूबर 2018 को कवर्धा के स्टेडियम से ही रेलमंत्री ने डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाईन परियोजना की नींव रखी गई थी। तब से अब तक शिलान्यास के पत्थर के अलावा और कोई भी कार्य नहीं हुआ है। जिस दिन इस परियोजना का भूमिपूजन हुआ। उसी दिन आचार संहिता लग गई थी। चुनाव के बाद भाजपा सरकार की विदाई हो गई। सितंबर 2020 में केंद्र सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन कार्य को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है।
50 गांवों से गुजरेगी ट्रेन
परियोजना पूर्ण होने पर रेल लाइन कबीरधाम जिले के 50 गांवों से भी गुजरेगी। लोहारा तहसील अंतर्गत 15 गांव, कवर्धा तहसील के 23 गांव और पंडरिया तहसील के 12 गांव अंतर्गत कुल 61 किलोमीटर की पटरी बिछाई जाएगी। डोंगरगढ़ से कटघोरा रेल लाइन के लिए 295 किमी. की दूरी के बीच कुल 27 स्टेशन बनेंगे। इसमें डोंगरगढ़ से कवर्धा के मध्य सहसपुर लोहरा, गंडई, छुईखदान सहित 12 और कवर्धा से कटघोरा के मध्य पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, काठाकोनी सहित 15 स्टेशन का निर्माण होना है। इसके लिए जगह चिंहांकित हो चुके हैं। यह सिंगल लाइन रहेगी, जिससे मालगाड़ी के साथ पैसेंजर रेलगाड़ी भी गुजरेगी। भविष्य में इसे डबल लाइन किया जा सकता है।
मालवाहक के साथ पैसेंजर भी दौड़ेगी
निर्माण एजेंसी छग रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दी गई। रेलवे को इस परियोजना में 350 करोड़ रुपए इसमें लगाने है। बाकी राशि अलग-अलग संस्थाओं को देनी है। रेल लाइन परियोजना की संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए हैं। परियोजना का सर्वाधिक लाभ राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ और कबीरधाम को मिलेगा। रेल लाइन निर्माण से न सिर्फ डोंगरगढ़ से कवर्धा होकर कोरबा यात्रियों को राहत मिलेगी वरन कोयला व अन्य खनिजों के परिवहन से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
रोजगार के अवसर
जिले की आबादी बढऩे के साथ ही आवागमन के लिए रेल लाइन की कमी महसूस की जा रही थी। वहीं जिले से रेललाइन के गुजरने से सैकड़ों युवाओं और लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। स्टेशन और उसके आसपास बड़ी संख्या में दुकानें लगाई जाएगी। रिक्शा, ठेला, ऑटो भी चलाएंगे। वहीं रेल संचालन व पटरी पर कार्य के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली जाएगी। यहां से जिले के युवाओं को भी मौका मिलेगा।
शहर के पास स्टेशन
कबीरधाम में कुल छह स्टेशन बनेंगे। पंडरिया तहसील के कंवलपुर, सोमनापुर, कवर्धा तहसील बरदुली और सहसपुर लोहारा तहसील के धनेली(छांटा झा) और धनगांव में सबस्टेशन प्रस्तावित है। स्टेशन की दूरी 7 से 13 किमी तक है। वहीं मुख्य स्टेशन जिला मुख्यालय कवर्धा के पास ग्राम नवागांव तिवारी में होगा। यह कवर्धा शहर से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे 2 किमी की दूरी पर नया बस स्टैण्ड भी है जिसका लाभ मिलेगा।
लोकसभा में उठाया था मुद्दा
इसी वर्ष मार्च में सांसद संतोष पांडेय ने डोंगरगढ़ से कवर्धा-कटघोरा रेल मार्ग पर कार्य प्रारंभ करने को लेकर लोकसभा में मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया था कि इस मार्ग निर्माण में भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्य प्रारंभ था, उसके बाद प्रदेश में सरकार बदलते ही अब रफ्तार थम गई। इस पर रेल मंत्री ने जवाब देते हुए कहा था कि डोंगरगढ़ कटघोरा प्रोजेक्ट रेलवे का काम प्रदेश सरकार का ज्वाइंट वेंचर के अंतर्गत प्रोजेक्ट था जिसमें प्रदेश सरकार को कार्य प्रारंभ करना चाहिए।
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