जिले में 55 हजार तेंदूपत्ता संग्रहक कार्डधारी हैं। मुखिया के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्य भी होते हैं, लेकिन इसमें से 27 से 29 हजार संग्रहक ही कार्य करते हैं। वर्ष 2018 में 27 हजार संग्रहकों द्वारा 42 हजार 242 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण किया गया। इस बार अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण होने की संभावना है क्योंकि राज्य शासन ने खरीदी दर 2500 से 4000 रुपए कर दिए हैं। ऐसे में इस बार संग्रहकों की संख्या भी बढ़ सकती है। हालांकि संघ को अब तक लक्ष्य नहीं मिला।
बना रहे गड्डिया
कबीरधाम में तेंदूपत्ता की उपज काफी बेहतर है। इससे बने उत्पाद से शासन को करोड़ों रुपए राजस्व मिलता है। प्रतिवर्ष मई-जून दो महीने इसकी संग्रहण कार्य होता है। अभी तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू हो चुकी है। मुख्य रूप से बैगा-आदिवासी समुदाय के लोग जंगल से तेंदूपत्ता लाकर गड्डियां बनाना शुरू कर दिए हैं। कुछ दिनों पर खरीदी प्रारंभ हो जाएगी।