ये है पूरा मामला
पंडरिया नगर से लगे ग्राम तेंदुवाडीह निवासी आशीष पिता संजय जांगड़े (27) जो कि व्यापमं परीक्षा की तैयारी में जुटा हुआ है। युवक के मोबाइल पर 11 अगस्त को मैसेज आया कि आप के पास जो मोबाइल है वह चोरी का है। आप को चोरी का मोबाइल खरीदने के मामले में जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर आपको जेल जाने से बचना है तो आप 45 हजार रुपए की व्यवस्था कर लो। तब पीडि़त ने उक्त नम्बर पर फोन कर बात की और मामला रफा-दफा करने के लिए कहा। ठगों ने युवक से 30 हजार रुपए का बंदोबस्त करने के लिए कहा।
पीडि़त द्वारा 12 अगस्त को अपने गांव तेंदुवाडीह के निवासी अंजोर दास पिता उदयराम सोनवानी को20 हजार रुपए दे दिया जिसे लेकर अजोर दास पंडरिया आकर घूमकर चला गया। पीडि़त को बताया कि उसके द्वारा पंडरिया थाने में जाकर क्राइम ब्रांच अधिकारी को रुपए दे दिया है। वहीं पूरे मामले के मास्टर माइंड चन्द्रप्रकाश पिता रामा प्रसाद बंदे (३६) निवासी ठक्कर बापा वार्ड नवापारा मुंगेली द्वारा पुन: फोन कर 13 अगस्त को 10हजार रुपए की व्यवस्था करने की बात कही।
इसके बाद शाम 5 बजे तक लगातार फोन करने से परेशान पीडि़त पंडरिया थाने में आकर घटना की जानकारी दी। तब पंडरिया एसडीओपी नरेंद्र वेनताल के नेतृत्व में टीम बनाकर मैनपुरा के पास फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी को घेराबंदी कर पकड़ा गया। थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना जुर्म कबूल किया। अजोर दास की भी इस मामले में संलिप्तता की बात बताने पर पुलिस द्वारा अजोरदास को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों पर धारा 385, 419, 420, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।