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कोर्स पूरा नहीं, अधूरे तैयारी के बीच इम्तिहान दे रहे परीक्षार्थी

locationकवर्धाPublished: Dec 08, 2018 12:47:06 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

20 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। इसके चलते चुनाव ड्यूटी के चलते कोर्स पूरा नहीं करा सके। इधर 03 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा की तिथि घोषित कर दिया गया।

Examining Immediate

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कवर्धा. सरकारी स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा प्रारंभ हो चुका है, लेकिन परीक्षार्थियों की नैया मंझधार में फंसी हुई है। विद्यार्थी अधूरी तैयारी के बीच परीक्षा दिला रहे हैं।
विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए ज्यादातर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। 20 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। इसके चलते चुनाव ड्यूटी के चलते कोर्स पूरा नहीं करा सके। इधर 03 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा की तिथि घोषित कर दिया गया। ऐसे में शिक्षक संघ ने परीक्षा की तिथि बढ़ाने जाने की मांग भी किया था, लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए उसी तिथि से परीक्षा आयोजित किया जा रहा है। कोर्स अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। कोर्स अधूरा होने के कारण विद्यार्थियों को अधूरी तैयारी के बीच ही परीक्षा दिलाना पड़ रहा है। इस तरह इम्तिहान से पहले ही उनका इम्तिहान शुरु हो गया है। विधानसभा चुनाव व शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। अर्धवार्षिक परीक्षा प्रारंभ हो चुका है, लेकिन क्षेत्र के अधिकांश सरकारी स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। दशहरे व दिवाली के छुट्टी बाद स्कूल खुला ही था कि विधानसभा चुनाव का भूत बच्चों के सिर बैठ गया। चुनावी कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई। इस दौरान हफ्तेभर स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। ज्यादातर शिक्षक चुनाव प्रशिक्षण करते रहे। इसके बाद चुनाव ड्यूटी में चले गए, जिसके चलते पढ़ाई ठप रहा। ऐसे में कोर्स अधूरा ही रह गया। गरीब वर्ग के बच्चे सिर्फ स्कूलों की पढ़ाई के भरोसे परीक्षा पास करने की आस लगाए बैठे हैं। कोर्स पूरा नहीं होने के कारण उनमें तनाव ज्यादा है।
संघ ने उठाया था सवाल
अर्धवार्षिक परीक्षा के आयोजन में हड़बड़ी को लेकर छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ आपत्ति जताया था। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला पंचायत सीईओ को से मुलाकात कर 3 से 8 दिसम्बर तक तिथि निर्धारित को आगे बढ़ाकर १५ दिसंबर से परीक्षा आयोजित करने की मांग किया था। इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेने का भरोसा दिया, लेकिन परीक्षा 3 दिसंबर से ही प्रारंभ किया गया।
शिक्षकों के लिए चुनौती
अर्धवार्षिक परीक्षा तो अधूरे तैयारी के बीच संपन्न हो रही है, लेकिन बार्ड परीक्षा से पहले कोर्स पूरा कराना शिक्षकों के लिए चुनौती है। शिक्षक कोर्स पूरा करने छात्र-छात्राओं पर अधिक जोर डाल रहे हैं। वैसे भी शासकीय स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। कहीं भवन नहीं, तो कहीं शिक्षकों की कमी बनी हुई है। कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां गणित, विज्ञान, रसायन व अंग्रेजी जैसी महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। वहां कोर्स पूरा होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
कोर्स पूरा करने ट्यूशन का सहारा
लगातार मिल रही छुट्टी व अन्य कारणों से पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है। संपन्न घरों के बच्चे किसी तरह ट्यूशन पढ़ भी रहे हैं, लेकिन गरीब तबके के बच्चे ट्यूशन का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है। लिहाजा वे घर में खुद से ही मेहनत कर रहे हैं। कुंजी व गाइड का सहारा लिया जा रहा है। इससे परीक्षा की तैयारी जरुर हो रही है, लेकिन ज्ञान शून्य कहा जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं की चिंता बढ़ गई है।
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