अर्धवार्षिक परीक्षा के आयोजन में हड़बड़ी को लेकर छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ आपत्ति जताया था। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला पंचायत सीईओ को से मुलाकात कर 3 से 8 दिसम्बर तक तिथि निर्धारित को आगे बढ़ाकर १५ दिसंबर से परीक्षा आयोजित करने की मांग किया था। इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेने का भरोसा दिया, लेकिन परीक्षा 3 दिसंबर से ही प्रारंभ किया गया।
अर्धवार्षिक परीक्षा तो अधूरे तैयारी के बीच संपन्न हो रही है, लेकिन बार्ड परीक्षा से पहले कोर्स पूरा कराना शिक्षकों के लिए चुनौती है। शिक्षक कोर्स पूरा करने छात्र-छात्राओं पर अधिक जोर डाल रहे हैं। वैसे भी शासकीय स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। कहीं भवन नहीं, तो कहीं शिक्षकों की कमी बनी हुई है। कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां गणित, विज्ञान, रसायन व अंग्रेजी जैसी महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। वहां कोर्स पूरा होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
लगातार मिल रही छुट्टी व अन्य कारणों से पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है। संपन्न घरों के बच्चे किसी तरह ट्यूशन पढ़ भी रहे हैं, लेकिन गरीब तबके के बच्चे ट्यूशन का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है। लिहाजा वे घर में खुद से ही मेहनत कर रहे हैं। कुंजी व गाइड का सहारा लिया जा रहा है। इससे परीक्षा की तैयारी जरुर हो रही है, लेकिन ज्ञान शून्य कहा जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं की चिंता बढ़ गई है।