रोजाना एक न एक थाने में यह रिपोर्ट दर्ज होती है कि एक युवती या महिला या फिर बालिका घर से बिना बताए कहीं चली गई। इस तरह से हर साल 300 से अधिक लोग गुमशुदा हो जाते हैं। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि गुमशुदगी में महिला वर्ग की संख्या है। औसत रूप से 65 फीसदी महिला वर्ग और 35 प्रतिशत पुरुष वर्ग लापता होते हैं।
जिला पुलिस वर्ष 2013 से गुमशुदा की रिकार्ड रख रहे हैं। उनके रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2013 से वर्ष 2019 में अब तक कुल 1671 लोग लापता हुए। इसमें 980 लोग घर स्वयं लौट गए या फिर पुलिस टीम ने ढूंढ निकला। लेकिन 691 लोग आज भी लापता है। इस दौरान कुल 1079 महिला, युवती और बालिकाएं भी लापता हुईं, जिसमें से 629 को ढूंढ सके जबकि 450 आज भी लापता हैं।