जिले में छोटी घटनाएं अधिक है, लेकिन ऐसा नहीं है कि छोटी वारदात न होती हो। औसत रूप से देखा जाए तो हर माह दो हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध हो रहे हैं। बीते वर्ष 20 हत्या, 12 हत्या के प्रयास और 42 दुष्कर्म की वारदात हुई। लगभग सभी मामलों में पुलिस द्वारा कार्रवाई हुई।
आरोपियों को जेल भेजा गया। साथ ही न्यायालय में प्रकरण भी चल रहे हैं, बावजूद अपराधी प्रवृत्ति के लोग इससे सबक नहीं ले रहे। इस वर्ष ही अगस्त तक आठ माह में 17 हत्याएं हो चुकी है और 41 दुष्कर्म के मामले सामने आए। इससे यह लगता है मानो अपराधी प्रवृत्ति लोगों की संख्या बढ़ है या लोग ही अपराधी प्रवृत्ति के हो रहे हैं। दोनों ही दशा समाज के लिए खतरनाक है।
इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन, स्वयं सेवी संस्थाओं और आम लोगों को भी इसके प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है। ताकि अपराधियों पर लगाम कसी जा सकी और अपराध होने से रोका जा सके।
1923 लोग गिरफ्तार
थाना व चौकी में एफआईआर और शिकायत के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है। कुल मामलों में तेजी से कार्रवाई होती है तो कुछ मामलों में लेट लतीफ से। इस वर्ष आठ माह के दौरान विभिन्न दर्ज मामलों और पूर्व वर्ष में दर्ज मामलों के आधार पर गंभीर अपराध, छोटी वारदात सहित जुआ, सट्टा, आबकारी सहित अन्य सभी मामलों में कुल 1923 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
आठ माह में 10 हजार कार्रवाई की
बीते आठ माह में जिला पुलिस ने गंभीर अपराध पर बड़ी कार्रवाई की। वहीं लघु अधिनियम के तहत करीब 10 हजार कार्रवाई की गई। प्रमुख रूप से आबकारी अधिनियम के तहत 359 प्रकरण बनाए गए। वहीं जुआ के 94 और सट्टा पर 60 कार्रवाई किया गया। इसके साथ ही लघु अधिनियम में लगातार कार्रवाई होती रहती है।
गुमशुदा के 300 से अधिक मामले
बालिकाओं को प्रेमजाल में फंसाकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की प्रवृत्ति जिले में तेजी से बढ़ा। वहीं बढ़ी संख्या में गुमशुदा के मामले में सामने आते हैं। पिछले वर्ष ही 307 गुमशुदा के मामले सामने आए। वहीं इस वर्ष आठ माह में 251 मामले गुमशुदा के दर्ज किए गए। इसमें पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद 157 बालिका, युवती, महिला, लड़के सहित सभी वर्ग के लोगों को ढूंढ निकाला, लेकिन 94 अब भी लापता है।
हर माह करीब 150 एफआईआर दर्ज
जिले के विभिन्न थाना अंतर्गत हर माह औसत रूप से 150 एफआईआर दर्ज किए जाते हैं। हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म, छेड़छाड़, डकैती, लूट, चोरी, ठगी, प्रताडऩा सहित अन्य प्रकार से मामलों पर लोग प्रकरण दर्ज कराते हैं। सबसे अधिक एफआईआर कवर्धा सिटी कोतवाली में दर्ज होता है। इसके बाद पिपरिया और सहसपुर लोहारा थाना अंतर्गत मामले दर्ज होते हैं।