सड़कों पर मवेशीराज
शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों का राज है। वीर स्तंभ चौक तो ऐसे मवेशियों का ठिकाना बन गया है। चौक के आसपास खाने-पीने के सामान के ठेले होने के कारण यहां मवेशियों का जमावड़ा रहता है। जनपद मार्ग पर बने डिवाइडर और शिवसेना चौक के आसपास बैठकर ये मवेशी आराम फरमाते हैं। मवेशियों को बचाने के फेर में अक्सर सड़क हादसे होते हैं।
शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों का राज है। वीर स्तंभ चौक तो ऐसे मवेशियों का ठिकाना बन गया है। चौक के आसपास खाने-पीने के सामान के ठेले होने के कारण यहां मवेशियों का जमावड़ा रहता है। जनपद मार्ग पर बने डिवाइडर और शिवसेना चौक के आसपास बैठकर ये मवेशी आराम फरमाते हैं। मवेशियों को बचाने के फेर में अक्सर सड़क हादसे होते हैं।
सिग्नल भी नहीं
नगर में यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के लिए केवल एक ही चौक पर सिग्नल लगा है, लेकिन बाकी के चौक-चौराहे पर अब तक सिग्नल नहीं लग पाया है। टै्रफिक पुलिस के लिए चौराहों पर स्टैंड तो बना दिया गया है, लेकिन सिग्नल लाइटें नहीं लगाई जा सकी है। सिग्नल नहीं होने के कारण भी कई बार राहगीरों को चौक पर चलने में असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं वाहन चालक अपनी मनमर्जी से गाडिय़ां चलाते हैं। बावजूद इसके नगर पालिका और यातायात विभाग ने आज पर्यंत इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
नगर में यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के लिए केवल एक ही चौक पर सिग्नल लगा है, लेकिन बाकी के चौक-चौराहे पर अब तक सिग्नल नहीं लग पाया है। टै्रफिक पुलिस के लिए चौराहों पर स्टैंड तो बना दिया गया है, लेकिन सिग्नल लाइटें नहीं लगाई जा सकी है। सिग्नल नहीं होने के कारण भी कई बार राहगीरों को चौक पर चलने में असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं वाहन चालक अपनी मनमर्जी से गाडिय़ां चलाते हैं। बावजूद इसके नगर पालिका और यातायात विभाग ने आज पर्यंत इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
व्यवसायी भी जिम्मेदार
सड़क किनारे दुकान लगाने वाले व्यवसायी भी काफी हद तक इसके लिए जिम्मेदार हैं। वे न सिर्फ सड़क के किनारे बेजा कब्जा करते हैं बल्कि दुकान के सामने सामानों को नुमाइश के रखकर सड़क की चौड़ाई को आधी कर देते हैं। इससे राह चलते लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। वहीं शिवसेना चौक पर बने चबूतरे के इर्द-गिर्द पार्किंग कर दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण दे रहे हैं।
सड़क किनारे दुकान लगाने वाले व्यवसायी भी काफी हद तक इसके लिए जिम्मेदार हैं। वे न सिर्फ सड़क के किनारे बेजा कब्जा करते हैं बल्कि दुकान के सामने सामानों को नुमाइश के रखकर सड़क की चौड़ाई को आधी कर देते हैं। इससे राह चलते लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। वहीं शिवसेना चौक पर बने चबूतरे के इर्द-गिर्द पार्किंग कर दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण दे रहे हैं।