विभाग की कार्रवाई बेअसर, अवैध कारोबार फिर से पटरी पर लौटी
कवर्धाPublished: Jul 27, 2019 11:53:50 am
नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने पंडरिया व पांडातराई के 6 अलग-अलग नर्सिंग होम संचालकों पर कार्रवाई की, लेकिन यह कार्रवाई बेअसर साबित हो रही है। फर्जी डॉक्टरों का कारोबार फिर से पटरी पर लौट आई है।
Illegal business again on track
पांडातराई. नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने पंडरिया व पांडातराई के 6 अलग-अलग नर्सिंग होम संचालकों पर कार्रवाई की, लेकिन यह कार्रवाई बेअसर साबित हो रही है। फर्जी डॉक्टरों का कारोबार फिर से पटरी पर लौट आई है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 18 जुलाई को पांडातराई के कल्याण सिंग राजपूत व उदय साहू के नर्सिंग होम को सील किया गया व डॉ भारत चन्द्रवंशी आशीर्वाद हॉस्पिटल पांडातराई के लैब को सील किया था। इसके आलावा कार्रवाई लिस्ट में नगर के उत्तम कश्यप, मनोज चंद्रवंशी, डॉ. डोमन जायसवाल, झूलन जायसवाल, शिवराम चंद्रवंशी का नाम था। वहीं पंडरिया के तीन बड़े अस्पताल रामकृष्ण हॉस्पिटल, लोरमी रोड स्थित गणेश हॉस्पिटल व मुंगेली रोड स्थित ओम हॉस्पिटल के संचालकों को बायोमेट्रिक वेस्ट मैनेजमेंट, फायर फाइटर व अन्य मानकों को पूरा नहीं करने व डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी फर्जी डॉक्टरों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पिछले दिनों हुई कार्रवाई का कोई असर नजर नहीं आ रहा है।
पंडरिया में मिला मल्टी फेस्लिटी हॉस्पिटल
नगर पंचायत पंडरिया में हॉस्पिटल में लगे बोर्ड के अनुसार मल्टी फेस्लिटी हॉस्पिटल मिला, लेकिन जांच टीम को कोई भी डॉक्टर नहीं मिला। बोर्ड में दर्ज नाम के अनुसार ओम हॉस्पिटल और रामाकृष्णा हॉस्पिटल में शिशु रोग, स्त्री रोग, हड्डी व मेडिसिन स्पेस्लिस्ट डॉक्टरों की भरमार है। इसी के चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाज के पहुंचते हैं, लेकिन धरातल पर अन ट्रेड कर्मचारी ही ईलाज कर रहे हैं।
अवैध दवाईयां व मशीनों का उपयोग
जांच में टीम को अनाधिकृत लोगों द्वारा ईलाज करना व अवैध रूप से मेडिकल व मशीनों का उपयोग करना पाया गया, जो की गंभीर मुद्दा है। हॉस्पिटल में सोनोग्राफी मशीन, एक्सरे मशीन, लैब, ईसीजी आदि मशीन मिले, लेकिन उसके परिचालन करने वाले डीग्रीधारी होने के बजाए नवसिखिए मिले, जो की गंभीर मामला है।
राजनैतिक दबाव
जांच टीम के अधिकारी मान रहे हैं कि उक्त कार्रवाई नर्सिंग होम एक्ट के तहत की गई, लेकिन आगे इस तरह की कार्रवाई नहीं करने को लेकर जिले के नेता व सत्ता पक्ष निर्वाचित जनप्रतिनिधि लगातार दबाव बना रहे हैं, जिसके चलते कुछ नियम के अनुरूप कार्रवाई करने में परेशानी हो रही है।