बैठक में हेमसिंग मरकाम को बुलाया गया, लेकिन वह नहीं गया। बैठक में नहीं पहुंचने के चलते पंचायत प्रतिनिधियों ने एकतरफा निर्णय लेते हुए हेमसिंग का गांव में हुक्का पानी बंद किए जाने का फैसला लिया। पंचायत प्रतिनिधियों ने उसी समय फरमान जारी कर दिया कि कोई व्यक्ति हेमराज के घर नहीं जाएगा। न कोई बात करेगा न ही इससे कोई लेनदेन होगा। इस तरह से दिव्यांग हेमसिंग के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी कर गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है।
पीडि़त हेमसिंग ने सोमवार को थाना कुकदूर में आवेदन दिया। इसमें उन्होंने पांच-छ: व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि सिंगपुर में हो रहे अनियमितता की शिकायत पर उसे गांव से बहिष्कृत किया गया है। इसमें उन्होंने बताया कि सरपंच झगर सिंह, मान सिंह, मंगल सिंह, बुधसिंह, देवनाथ, श्रीराम, धाधूराम, खेदूराम, संतोष धुर्वे, थान सिंह मरकाम सहित 11 व्यक्तियों ने उसका गांव में हुक्का पानी बंद कर दिया है। उन्होंने मामले में न्याय की गुहार लगाई है।
इस मामले में सरपंच झगर सिंग का कहना है कि जो मामला था उसको गांव में निपटाने के लिए बैठक आयोजित किया गया था। बैठक से ही लोग हेमसिंग को बुलाने उसके घर गए, लेकिन वह बैठक में नहीं आउंगा बोल दिया। इस पर गांववालों ने निर्णय लिया कि जब हम सब ग्रामीणों का कोई मान-सम्मान नहीं रखा और बैठक में आना जरूरी नहीं समझा तो अब से हम लोग भी उससे कोई मतलब नहीं रखेंगे। थाना प्रभारी कुकदूर लवकुमार तंवर ने बताया कि ग्राम सिंगपुर के हेमसिंह मरकाम का आवेदन मिला है। उनका कहना है रोजगार गारंटी के अनियमितता की शिकायत कलेक्टर को करने पर गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। मामले में जांच उपरांत के बाद कार्रवाई की जाएगी।