पिछले माह से मात्र 2 रुपए की बढ़ोतरी हुई है, जबकि जुलाई में 3.50 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं जून में एकाएक 64.50 रुपए बढ़ा था। मतलब तीन माह में कुल 70 रुपए बढ़ोतरी हो चुकी है। उपभोक्ताओं को चिंता सता रही है कि धीरे-धीरे दाम बढ़ते-बढ़ते फरवरी की तरह 953.50 रुपए तक न पहुंच जाए। क्योंकि लॉकडाउन तो हट चुका है लेकिन व्यापार अभी भी मंदा है। छोटे कारोबार न के समान है। बड़ी मुश्किल से घर का राशन पानी चल रहा है ऐसे में यदि सिफलिंग के दाम बढ़ते रहे तो मुश्किलें और भी बढ़ जाएगी।
कबीरधाम जिले में कुल 91 हजार 714 उज्ज्वला योजना के हितग्राही हैं। केंद्र सरकार द्वारा तीन माह तक लगातार हितग्राहियों के खातों में सिलेण्डर रिफलिंग के लिए राशि भेजा गया, ताकि कोरोना काल में आम जनता को कुछ हद तक राहत मिल सके। इसके चलते ही बड़ी संख्या में उज्जवला योजना के हितग्राहियों ने भी खाली पड़े सिलेण्डर की रिफलिंग कराई। लेकिन जैसे ही केंद्र से राशि मिलना बंद हुआ तो हितग्राहियों ने रिफलिंग कराना भी बंद कर दिया।
घरेलू सिलेण्डर रिफलिंग में बढ़ोतरी का क्रम सितंबर 2019 से शुरू हुआ। सितंबर 2019 में 16 रुपए की बढ़त के साथ 678.50 रुपए में सिलेण्डर रिफलिंग हुआ। इसके बाद अक्टूबर में 14 रुपए, नवंबर में 76.50 रुपए, दिसंबर में 15 रुपए और जनवरी में 21 की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं फरवरी में 148.50 रुपए की बढ़कर घरेलू सिलेण्डर की सबसे अधिक कीमत 953.50 रुपए पर जा पहुंची थी। बढ़ते दाम काफी विरोध भी हुआ, लेकिन जैसे ही कोरोना काल मार्च से प्रारंभ हुआ तो सीधे असर सिलेण्डर रिफलिंग पर भी पड़ा और दाम को घटाया गया।