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रिहायसी इलाकों में टॉवर से मंडराता दोहरा खतरा

locationकवर्धाPublished: May 06, 2022 02:21:03 pm

Submitted by:

Yashwant Jhariya

शहर में आबादी के बीच खड़े मोबाइल टॉवर जिंदगी पर खतरा बने हैं। घनी आबादी के बीच टॉवर लगे दिए, जो हादसे का सबस बने सकते हैं। बावजूद इसके नगरीय प्रशासन बिना सोंचे-समझे टेलीकॉम कंपनियों को टॉवर लगाने परमिशन दे रही है।

रिहायसी इलाकों में टॉवर से मंडराता दोहरा खतरा

रिहायसी इलाकों में टॉवर से मंडराता दोहरा खतरा

कवर्धा
कई वर्ष पूर्व शहर में एक मोबाइल टॉवर सड़क पर आ गिरा। बावजूद प्रशासन अपना राजस्व बढ़ाने के फेर में शहर की हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। रिहायशी इलाकों में टॉवर लगाने टेलीकॉम कंपनियों को अनुमति दे रही है। शहर में 8 विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के करीब 20 से अध्ािक मोबाइल टॉवर लगे हैं। प्रतिस्पर्धा की होड़ में कई निजी कंपनियों ने अपने टॉवरों को नगर के रिहायशी इलाकों में लगा रखे हैं। कुछ टॉवर भूतल पर, तो कुछ भवनों की छत पर लगाए गए हैं। यह खतरनाक साबित हो सकता है। अंधड़ बारिश के कारण ये टॉवर गिर सकते हैं जिससे जान-माल की हानि हो सकती है। क्योंकि पूर्व में एक बार टॉवर गिरने से हादसा हो चुका है।
एक टॉवर पर कई एंटिना
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक टॉवरों पर लगे एंटिना के सामने कोई घर नहीं होना चाहिए। यदि छत के ऊपर टॉवर लगा है, तो उसमें एक से ज्यादा एंटिना नहीं होने चाहिए। किंतु शहर के कई रहवासी इलाकों में मकानों की छत पर लगे एक ही मोबाइल टॉवर में कई कंपनी के एंटिना लगे हैं। यह उस इलाके में रहने वाले लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। बावजूद इसके सरकारी तंत्र मौन है।
इलेक्ट्रो मैगनेटिक रेडिएशन खतरनाक
घनी आबादी में लगे इन टॉवरों से रेडिएशन फैल रहा है। ज्यादा नेटवर्क देने के नाम पर 0.5 मेगाहस्ट रेडिएशन से ज्यादा बढ़ा दिए हैं, जिससे कई तरह के हानिकारक प्रभाव सामने आ रहे हैं। टॉवर से रोजाना हजारों इलेक्ट्रो मैगनेटिक रेडिएशन निकलता है। ये रेडिएशन न दिखने वाली तरंगे होती हैं, जो लोगों को मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर बना रहे हैं।
हो चुका है हादसा
वैसे भी शहर में मोबाइल टॉवर गिरने की घटना घट चुकी है। अप्रैल 2015 में आंधी-तूफान के कारण लोहारा नाका स्थित निजी भवन के छत पर लगाए गया मोबाइल टॉवर सड़क पर धड़ाम से गिर गया था। हालांकि इससे जानमाल की कोई हानि नहीं हुई थी। इससे सबक लेने के बजाए और अधिक लापरवाही बरती जा रही है।
सरकारी भवन पर भी
कमाई के फेर में न सिर्फ निजी मकान मालिक बल्कि सरकारी भवन भी पीछे नहीं है। कवर्धा जनपद पंचायत भवन और नगर पालिका भारतमाता शॉपिंग काम्प्लेक्स की छत पर एक मोबाइल टॉवर लगाया गया है। जनपद पंचायत भवन के छत पर मोबाइल टॉवर लगाने से पहले तात्कालीन कार्यकाल में जनपद सदस्यों से राय भी नहीं ली गई थी।
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