पालिका की बदहाल व्यवस्था के चलते आज यह सरोवर उपेक्षा का शिकार हो गया है
कवर्धा. छत्तीसगढ़ शासन की सरोवर धरोहर योजनांतर्गत लाखों रुपयों की लागत से नगर की रेवाबंध तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया। पालिका की बदहाल व्यवस्था के चलते आज यह सरोवर उपेक्षा का शिकार हो गया है। गंदे पानी से लोगों को अपना गुजर-बसर करना पड़ रहा है।
वर्ष 2006-07 में शहर सौंदर्यीकरण के तहत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह शहर को बड़े शहर की तर्ज पर विकसित करने के लिए रेवाबंध तालाब का गहरीकरण, पचरीकरण व पीङ्क्षचग का कार्य कराया गया था। इसके साथ ही तालाब के चारों के ओर तट में गार्डन बनाया गया।
लेकिन पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते तालाब का पानी अब दूषित हो चुका है। गार्डन में शराबियों का जमघट देर शाम से ही लगा रहता है। कई दशक पुराने रेवाबंध तालाब सरोवर धरोहर योजना से नए कलेवर में आया तो, लेकिन पालिका प्रशासन के उपेक्षा के चलते एक बार फिर अपनी दुर्दशा पर यह तालाब आंसू बहा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों परिवार के गुजर-बसर वाले इस तालाब का पानी अब पूर्ण रूप से दूषित हो चुका है। फिर भी पालिका प्रशासन तालाब की साफ सफाई व पानी की शुद्धता को लेकर अब तक कोई प्रयास शुरू भी नहीं किया है।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा उद्यान में इन दिनों केवल असामाजिक तत्व के लोगों की भीड़ रहती है। इसके कारण यहां घुमने व खेलने वाले बच्चे नहीं जाते हैं। यहां केवल नशाखोरी की जा रही है।
सुरक्षा के उपाय नहीं तालाब के चारों ओर लोहे के छड़ से घेरा कर गार्डन की सुरक्षा मवेशियों से की गई है, लेकिन लोहा चोर इन्हें भी तोड़-तोडक़र बेच रहे हैं। शाम ढ़लते ही पूरे गार्डन में शराब और कबाब की पार्टियां शराबियों के साथ सजी रहती है। यहां मनचले युवकों का जमावड़ा भी लगा रहता है। इन कृत्यों के चलते लोग इस गार्डन से मुंह मोड़ लिए हैं। यह सब पुलिस और जिला प्रशासन की जानकारी में होने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।