कवर्धा

हरिनछपरा के 10 में आठ हैण्डपंप खराब

गांव वैसे तो एक नहीं 10 हैण्डपंप है, लेकिन इनमें से केवल दो हैण्डपंप ही चल रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। निजी मोटर पंप के सहारे ग्रामीण अपना प्यास बूझ रहे हैं।

कवर्धाDec 17, 2018 / 12:41 pm

Panch Chandravanshi

Eight handpumps bad

कवर्धा . ‘समस्या एक हो तो बताएं साहब! हैण्डपंप पिछले कई महीने से बंद पड़ा है। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर विभाग में शिकायत करते थक चुके हैं। नगर पंचायत प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत करते लोग थक गए हैं, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
गांव वैसे तो एक नहीं 10 हैण्डपंप है, लेकिन इनमें से केवल दो हैण्डपंप ही चल रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। निजी मोटर पंप के सहारे ग्रामीण अपना प्यास बूझ रहे हैं। वैसे तो गांव में नलजल योजना के तहत भारी भरकम पानी टंकी का निर्माण किया गया। पाईप लाईन विस्तार का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है, लेकिन योजना अब तक चालू नहीं हो सका है। राजाराम कोसले, धरम कुर्रे, बरोहन आदिल, बिजय मिरी, बिहारी भारती सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत हरिनछपरा में नलजल योजना तो साल भर पहले ही प्रारंभ हो जाना था, लेकिन कार्य में अनावश्यक लेट लतीफी के चलते योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं हैण्डपंपों का अलक भी सूख चुके हैं। इसके सुधार के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को प्यास बूझाने के लिए दूसरे का मूंह ताकना पड़ रहा है।
हैंडपंप की रिपेयरिंग नहीं
ग्राम हरिनछपरा में पेयजल सुविधा मुहैया कराने वार्ड में हैंडपंप लगाए गए हैं। पूर्व में इस हैंडपंप से वार्डवासियों का निस्तार होता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। दरअसल यहां लगा हैंडपंप पिछले कई महीनों से खराब पड़ा है, जिसके चलते यह पानी उगलना बंद कर दिया है। पेयजल व निस्तारी के लोग दूसरे वार्डों पर निर्भर हैं। वार्डवासियों की मानें तो उन्होंने हैंडपंप को सुधरवाने को लेकर पीएचई विभाग को आवेदन किए थे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

Home / Kawardha / हरिनछपरा के 10 में आठ हैण्डपंप खराब

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.