65 प्रतिशत बच्चों को नहीं आता घटाना
प्रथम संस्था द्वारा कबीरधाम जिले के 30 गांवों के शासकीय स्कूल में अध्यनरत पहली से आठवीं तक के 6 से 14 वर्ष के बच्चों के बीच सर्वे किया गया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के कितने बच्चे सकूल जा रहे हैं, आसान पाठ पढ़ पाने व बुनियादी गणित को हल करने में कितने सक्षम है इसका आंकलन किया गया। सबसे चौकाने वाला तथ्य सामने आया कि तीसरी से पांचवीं तक 44.4 प्रतिशत बच्चे अपनी पिछले कक्षा मतलब कक्षा दूसरी का पाठ नहीं पढ़ सकते। वहीं 65.6 प्रतिशत बच्चों को अंकों को घटाना नहीं आता। इस प्रकार स्कूलों में पढ़ाई हो रही है। पढ़ाई कराया जा रहा है, लेकिन पढ़ाई में गुणवत्ता नहीं है। इसके कारण ही बच्चों की पढ़ाई बेहतर कमजोर है।
प्रथम संस्था द्वारा कबीरधाम जिले के 30 गांवों के शासकीय स्कूल में अध्यनरत पहली से आठवीं तक के 6 से 14 वर्ष के बच्चों के बीच सर्वे किया गया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के कितने बच्चे सकूल जा रहे हैं, आसान पाठ पढ़ पाने व बुनियादी गणित को हल करने में कितने सक्षम है इसका आंकलन किया गया। सबसे चौकाने वाला तथ्य सामने आया कि तीसरी से पांचवीं तक 44.4 प्रतिशत बच्चे अपनी पिछले कक्षा मतलब कक्षा दूसरी का पाठ नहीं पढ़ सकते। वहीं 65.6 प्रतिशत बच्चों को अंकों को घटाना नहीं आता। इस प्रकार स्कूलों में पढ़ाई हो रही है। पढ़ाई कराया जा रहा है, लेकिन पढ़ाई में गुणवत्ता नहीं है। इसके कारण ही बच्चों की पढ़ाई बेहतर कमजोर है।
नहीं पढ़ पाते दूसरी कक्षा का पाठ
सर्वे से पता चला कि छठवीं से आठवीं तक के 14.3 फीसदी बच्चों की पढ़ाई बेहद कमजोर है। यह कक्षा दूसरी की किताब नहीं पढ़ पाते। जबकि सर्वे के दौरान पढ़ाई के लिए बेहद ही सरल वाक्यों का चार लाइन की कहानी दी गई। बावजूद वह नहीं बढ़ सके। इन्हें बच्चों के बीच गणित का बेहद ही सरल विभाजन दिया गया, लेकिन 62.4 प्रतिशत बच्चे हल नहीं कर सके।
अक्षर व अंक का ज्ञान नहीं
एनजीओ द्वारा किया गया यह सर्वे केवल कबीरधाम के 30 गांव के स्कूल में ही किया गया। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 300 गांवों के विद्यालयों की स्थिति क्या व कैसी होगी। बच्चों को अक्षर व अंक का ज्ञान नहीं जबकि शासन-प्रशासन कोर्स पूरा कराने के पीछे भाग रहे हैं।
वर्सन
रिपोर्ट के अनुसार जो भी बच्चों व स्कूल में जो भी कमियां है उस का निरीक्षण करेंगे। कमियों के अनुरूप शिक्षकों को को प्रशिक्षण देकर दूर करने का प्रयास करेंगे।
सीएस धु्रव, जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम
सर्वे से पता चला कि छठवीं से आठवीं तक के 14.3 फीसदी बच्चों की पढ़ाई बेहद कमजोर है। यह कक्षा दूसरी की किताब नहीं पढ़ पाते। जबकि सर्वे के दौरान पढ़ाई के लिए बेहद ही सरल वाक्यों का चार लाइन की कहानी दी गई। बावजूद वह नहीं बढ़ सके। इन्हें बच्चों के बीच गणित का बेहद ही सरल विभाजन दिया गया, लेकिन 62.4 प्रतिशत बच्चे हल नहीं कर सके।
अक्षर व अंक का ज्ञान नहीं
एनजीओ द्वारा किया गया यह सर्वे केवल कबीरधाम के 30 गांव के स्कूल में ही किया गया। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 300 गांवों के विद्यालयों की स्थिति क्या व कैसी होगी। बच्चों को अक्षर व अंक का ज्ञान नहीं जबकि शासन-प्रशासन कोर्स पूरा कराने के पीछे भाग रहे हैं।
वर्सन
रिपोर्ट के अनुसार जो भी बच्चों व स्कूल में जो भी कमियां है उस का निरीक्षण करेंगे। कमियों के अनुरूप शिक्षकों को को प्रशिक्षण देकर दूर करने का प्रयास करेंगे।
सीएस धु्रव, जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम