कई वर्ष पूर्व राज्य शासन द्वारा एक योजना शुरु हुई, जिसके तहत प्राथमिक स्कूल में सिलेण्डर व चूल्हे प्रधानपाठकों को वितरित किए गए। जिले के 985 प्राथमिक में से 816 स्कूल को सिलेण्डर व चूल्हा मौजूद है। वहीं 168 स्कूल इससे आज भी वंचित है। लेकिन मुख्य बात यह है कि जिस स्कूल में सिलेण्डर व चूल्हे दिए गए हैं वहां से भी अधिकतर स्कूल में अब मिट्टी के चूल्हे में लकड़ी व कंडे से ही मध्याह्न भोजन पकते दिखाई देता है।
केवल स्मार्ट क्लास पर फोकस
जिले 461प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू करने की कार्य योजना बनाई गई है। इसमें सहसपुर लोहारा ब्लॉक के 84 स्कूलों स्मार्ट क्लास शुरू हो गई है। सभी स्मार्ट क्लास में एलएडी टीवी दीवार पर लगाई गई है और कम्यूटर के माध्यम से आपरेट किया जा रहा है। इसके विपरित जिले के १६८ प्राथमिक स्कूल में सिलेण्डर-चूल्हा की कमी है। उस पर अधिकारी जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में स्मार्ट क्लास तो बनेगा, लेकिन स्मार्ट स्कूल नहीं।