पंचायतों में पंच, सरपंच निष्क्रिय
सूखे के दिनों में ग्राम दौजरी के वार्ड क्रमांक 07 के गलियों में कीचड़ लोगों के आफत खड़ी कर रही है। आवागमन करने वाले चोटिल हो रहे हैं। वहीं गंदगी के चलते मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। वार्ड की गलियों की विकास के लिए पंचायती राज में पंच का चुनाव किया जाता है। ताकि अपने वार्ड की गली, मोहल्ले की साफ सफाई से लेकर छोटी छोटी समस्या को हल करें और अपने वार्ड के विकास के लिए पहल करे। लेकिन पंचायत में जब सरपंच ही निष्क्रिय हो तो पंचों से अपेक्षा करना बेकार है।
सूखे के दिनों में ग्राम दौजरी के वार्ड क्रमांक 07 के गलियों में कीचड़ लोगों के आफत खड़ी कर रही है। आवागमन करने वाले चोटिल हो रहे हैं। वहीं गंदगी के चलते मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। वार्ड की गलियों की विकास के लिए पंचायती राज में पंच का चुनाव किया जाता है। ताकि अपने वार्ड की गली, मोहल्ले की साफ सफाई से लेकर छोटी छोटी समस्या को हल करें और अपने वार्ड के विकास के लिए पहल करे। लेकिन पंचायत में जब सरपंच ही निष्क्रिय हो तो पंचों से अपेक्षा करना बेकार है।
पंचायतों में बेबस ग्रामीण
लोकसभा, विधानसभा चुनाव की तरह पंचायतों में भी पांच सालों के लिए ग्रामीण अपने प्रतिनिधि चुनते हैं। पूरे ताम झाम के साथ ग्रामीण विकास की वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद अपने जिम्मेदारी से मूंह फेर लेते हैं, जिसके लिए ग्रामीण उन्हे अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। बिजली, पानी, नाली निर्माण, साफ सफाई के साथ अन्य छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए पंचायात में ग्रामीण बेबस नजर आते हैं। क्योंकि बार-बार शिकायत के बाद भी वार्ड के पंच लेकर सरपंच समस्याओं का समाधान के लिए टलमटोल करते रहते हैं।
लोकसभा, विधानसभा चुनाव की तरह पंचायतों में भी पांच सालों के लिए ग्रामीण अपने प्रतिनिधि चुनते हैं। पूरे ताम झाम के साथ ग्रामीण विकास की वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद अपने जिम्मेदारी से मूंह फेर लेते हैं, जिसके लिए ग्रामीण उन्हे अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। बिजली, पानी, नाली निर्माण, साफ सफाई के साथ अन्य छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए पंचायात में ग्रामीण बेबस नजर आते हैं। क्योंकि बार-बार शिकायत के बाद भी वार्ड के पंच लेकर सरपंच समस्याओं का समाधान के लिए टलमटोल करते रहते हैं।