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12 लाख डकैती का मास्टर माइंड निकला रिश्तेदार, बताया सोने की बिस्किट देख आया लालच

locationकवर्धाPublished: Oct 15, 2017 02:03:24 pm

झिलमिला चौक सरायपाली में व्यवसायी के घर एक अक्टूबर को हुई 12 लाख की डकैती के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है

CG News
महासमुंद. झिलमिला चौक सरायपाली में व्यवसायी के घर एक अक्टूबर को हुई 12 लाख की डकैती के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं डकैतों के गिरोह का प्रमुख सरगना अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार डकैतों को पकडऩे में पुलिस को सफलता हाथ लगी है।
पुलिस ने डकैतों से नगदी 33 हजार सहित तीन मोबाइल, घटना में प्रयुक्त दो कार एवं एक देशी कट्टा और २ जिंदा कारतूस बरामद किया है। पुलिस कंट्रोल रूम में शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नेहा चंपावत ने बताया कि झिलमिला चौक सरायपाली के लालचंद अग्रवाल पिता घासीराम अग्रवाल के यहां 1 अक्टूबर की सुबह 6 बजे हुई डकैती के आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने सरायपाली क्षेत्र के करीब 20 जगहों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। फुटेज में देखा कि दो स्वीफ्ट कार एक सिल्वर व सफेद कलर की सारंगढ़ की ओर सुबह 5.15 बजे आती हुई दिखाई दी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को अंदेशा था कि घटना को इन्हीं वाहनों में सवार लोगों ने अंजाम दिया होगा। एएसपी संजय ध्रुव ने क्राइम स्क्वॉड प्रभारी सुभाष पवार व सरायपाली पुलिस को टीम बनाने के निर्देश दिए। फिर पुलिस को जानकारी मिली कि घटना में प्रयुक्त वाहन को रायगढ़ के वर्कशॉप में देखा गया है। जांच के दौरान पता चला कि कार पार्कसिटी रायगढ़ निवासी अशोक अग्रवाल एवं अरविंद डालमिया की है। ये भी पता चला कि दोनों के बीच गहरी दोस्ती है। दोनों कर्ज से डूबे हैं। दोनों व्यक्तियों ने बिहारी के कुछ हिस्ट्रीशीटर बदमाशों को बुलाकर घटना को अंजाम दिया है। इसके बाद टीम अरविंद डामलिया पिता ओमप्रकाश डालमिया (24) कोतरा रोड रायगढ़ निवासी अंकित कश्यप पिता शैलेन्द्र कश्यप (26), बाइपास चौक रायगढ़ निवासी राहुल अग्रवाल पिता राजकुमार अग्रवाल (24) एवं हरेश्वर सिंह पिता रामचंद्र सिंह राजपूत (55) को गिरफ्तार किया गया।
रिश्तेदार होने का उठाया फायदा
प्रार्थी लालचंद अग्रवाल और डकैती की घटना को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड अशोक अग्रवाल रिश्तेदार हैं। रिश्तेदार होने के कारण अशोक अग्रवाल का लालचंद के यहां आना-जाना था। आरोपी अशोक अग्रवाल ने इस दौरान एक-एक स्थान की रेकी कर ली थी। आरोपी का लक्ष्य था कि लालचंद के यहां रखे सोने के बिस्किट को लेना, लेकिन घटना के दिन आरोपी इसे हासिल करने में असफल रहे। हालांकि, डकैत बिहारी व झारखंडी भाषा में सोने की बिस्किट की मांग कर रहे थे, लेकिन नकदी व सोने-चांदी के जेवरात लेकर निकल गए। घटना को अंजाम देने के लिए आरोपियोंं को अशोक व अरविंद डालमिया ने कार, कट्टा अन्य सामान उपलब्ध कराया।
डकैतों की दो टीमों ने घटना को दिया अंजाम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नेहा चंपावत ने बताया कि डकैती की घटना को अंजाम देने डकैतों ने दो टीम बनाई थी। एक टीम घर के बाहर थी और दूसरी घर के अंदर। बाहर वाली टीम में प्रार्थी लालचंद अग्रवाल के रिश्तेदार अशोक अग्रवाल भी शामिल थे। अशोक अग्रवाल की पहचान न हो, इसके कारण वह बाहर में था और दूसरी टीम को मास्टर माइंड ने एक-एक जगहों की तस्वीर व सामान का विवरण देते हुए अंदर भेजा था। डकैतों की दूसरी टीम जैसे ही अंदर गई, सभी को बंधक बनाकर लालचंद से सोने चांदी के जेवरात व नकदी ३ लाख रुपए अपने पास रखा। करीब 20 से 25 मिनट तक घर को डकैतों ने तलाशी ली और सोने की बिस्कुट दो कहकर बार-बार दबाव डाल रहे थे। इसके बाद घर के ही जेवरात लेकर डकैत फरार हो गए।

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