scriptबीरेन्द्रनगर सोसायटी में किसानों को करना पड़ रहा हमाली का काम | Farmers in Berendranagar Society have to do the work of Hamali | Patrika News

बीरेन्द्रनगर सोसायटी में किसानों को करना पड़ रहा हमाली का काम

locationकवर्धाPublished: Jan 29, 2019 01:20:41 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

प्रबंधक द्वारा पहले तो किसानों से केन्द्र के बाहर स्कूल मैदान में धान के कट्टों को खाली करा रहे हैं। वहीं तौल के बाद फिर से ट्रेक्टर व अन्य साधनों में भरकर खरीदी केन्द्र ले जाकर धान के कट्टों को छल्ली लगाना पड़ रहा है।

Farmers have to do the work of Hamali

Farmers have to do the work of Hamali

बीरेन्द्रनगर. देश में कभी ‘जय जवान, जय किसानÓ का नारा गूंजा करता था, लेकिन समय के साथ नारा फीका पड़ चुका है। जिले में किसानों के हालात देखकर कुछ ऐसा ही लगता है। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन करने वाले किसान हेमाल बनने को मजबूर हैं।
मामला सहसपुर-लोहारा ब्लाक के बीरेन्द्रनगर स्थित सेवा सहकारी केंद्र का है, जहां किसान ट्रेक्टर सहित अन्य साधनों में धान लेकर पहुंच रहे हैं। आवक बढऩे और धान खरीदी का काम कछुआ गति से चलने से किसानों को खुद ही मजबूर बन कर काम करना पड़ रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश से परिसर में कीचड़ फैली हुई है। प्रबंधक द्वारा पहले तो किसानों से केन्द्र के बाहर स्कूल मैदान में धान के कट्टों को खाली करा रहे हैं। वहीं तौल के बाद फिर से ट्रेक्टर व अन्य साधनों में भरकर खरीदी केन्द्र ले जाकर धान के कट्टों को छल्ली लगाना पड़ रहा है। केंद्र में तौलाई के नहीं होने से किसानों को दोहरी मेहनत करना पड़ रहा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों को हेमाल के काम खुद ही करना पड़ रहा है। इसके चलते क्षेत्र के किसान बेहद नाराज हैं। आरोप है कि समिति स्टॉफ व बारिश के बाद केन्द्र में फैली अव्यवस्था के कारण यह समस्या निर्मित हुई है।
केन्द्र में जगह नहीं, कहां रखें धान
उठाव नहीं होने खरीदी केंद्र में हजारों क्विंटल से ज्यादा धान जाम पड़ा है। हालात इतने बुरे हो हैं कि केन्द्र में तौल करने के लिए भी जगह नहीं है। इसके चलते परिसर के बाहर तौल के बाद यहां उपार्जन करने पहुंचे किसानों को अपनी फसल रखने को जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में किसान अपनी मेहनत की गाढ़ी फसल को खुद ही टे्रक्टर से उतारकर एक के बाद एक छल्ली करने को मजबूर हैं।
खरीदी केन्द्र में किसानों का शोषण
ग्राम बीरेन्द्रनगर समिति में श्रमिकों का पैसा बचाने की जुगत में किसानों का ही शोषण किया जा रहा है। यहां धान बेचने पहुंचे किसानों से दोहरी काम लिया जा रहा है। जबकि समिति के मजदूरों को अन्य कार्यों में लगा दिया गया है। सोमवार को तो यहां स्थिति देखने लायक रही। किसान अपना धान खुद ही तौल रहे थे। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए प्रबंधक से संपर्क किया गया तो उनका मोबाईल बंद आ रहा था।
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