उठाव नहीं होने खरीदी केंद्र में हजारों क्विंटल से ज्यादा धान जाम पड़ा है। हालात इतने बुरे हो हैं कि केन्द्र में तौल करने के लिए भी जगह नहीं है। इसके चलते परिसर के बाहर तौल के बाद यहां उपार्जन करने पहुंचे किसानों को अपनी फसल रखने को जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में किसान अपनी मेहनत की गाढ़ी फसल को खुद ही टे्रक्टर से उतारकर एक के बाद एक छल्ली करने को मजबूर हैं।
ग्राम बीरेन्द्रनगर समिति में श्रमिकों का पैसा बचाने की जुगत में किसानों का ही शोषण किया जा रहा है। यहां धान बेचने पहुंचे किसानों से दोहरी काम लिया जा रहा है। जबकि समिति के मजदूरों को अन्य कार्यों में लगा दिया गया है। सोमवार को तो यहां स्थिति देखने लायक रही। किसान अपना धान खुद ही तौल रहे थे। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए प्रबंधक से संपर्क किया गया तो उनका मोबाईल बंद आ रहा था।