बोड़ला के किसान रूपेंद्र तिलकवार ने बताया कि किसान अपना धान बेचने के लिए अब हाइकोर्ट पहुंच गए हैं। बोड़ला से 40 किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। वहीं जिले के तीन ब्लॉकों से करीब 100 किसानों ने हाइकोर्ट में अलग से याचिका लगाई है। कबीरधाम जिले में 2 लाख क्विंटल धान की खरीदी होनी बाकी है।
युवा जनता कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने कहा कि टोकन होने के बाद भी धान बाजार में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। सोसायटी में बेचने के लिए रखे गए धान बरसात की वजह से खराब भी हुए। अभी लॉकडाउन में किसानों की स्थिति दयनीय हो गयी है। मुख्यमंत्री चुनाव से पूर्व गंगाजल की सौगंध खाकर किसानों का दाना दाना धान लेने की बात से मुकर गए हंै।
आज भी किसानों का धान सोसायटी में खुले में रखा हुआ है, लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक खरीदी नहीं की गई है। बड़ी मात्रा में धान खराब भी हो गया है। किसान लगातार मौसम की मार झेल रहे हैं। आए दिन पानी गिरने के कारण धान को सुरक्षित रख पाना अब संभव भी नहीं है। किसानों के खून पसीने की कमाई को सरकार बर्बाद करने में लगी है।